ऐसी पोस्ट जो आपके अंदर की हीनभावना खत्म कर
देगी और आपमें नयी चेतना डाल देगी :-
आज के बाद कभी मत कहना की हिन्दू कायर थे |सच्चे
इतिहास से परिचित होने के लिए दी हुई पोस्ट पूरा पढो |
वीरों - महावीरो को इतिहास के पन्नो में सिमटने नहीं देंगे
हम...पहचानिए अपने गौरव को ...
||सत्य ना कभी झुका हैं ना कभी झुकेगा ||
झूठे इतिहास को पढ़ाकर हिन्दुओं को नपुंसक बनाने
का षड्यंत्र :-
हम लोगों को जो झुठा इतिहास पढाया जाता हैं इसलिए
की ताकि हमे गुलामी की आदत पड़ जाय | ये ही पढ़ते हैं
हम हमेशा की मुगलों ने 400 साल राज किया,
गौरी गजनवी आये, और हमारे मंदिर लूट कर चले गये,
तुर्क अफगान आये, और हम पर सैंकड़ो सालो तक राज
करके चले गए, आदि आदि हमको डराने वाली बातें जिससे
हमारे अंदर हीन भावना आ जाये ||
कब तक नेहरु गाँधी का झूठा इतिहास पढ़ते रहोगे, कब तक
ये कहते रहोगे, की मुसलमानों ने हम पर 800 साल राज
किया |
________________
अरे मैं कहता हूँ
जला डालो ऐसी किताबो को जहा ये लिखा है की अकबर
महान था,
फाड़ दो उन पृष्ठों को जो कहते है की बाबर बहुत
शक्तिशाली था,
फेंक दो उन दस्तावेजो को जो कहते है की औरंगजेब ने
लाखो कश्मीरी पंडितो के जनेऊ उतरवाए पर किसी हिन्दू ने
प्रतिकार नहीं किया |
1.) अफगानिस्तान के अटक से लेकर कटक तक और
दक्षिण से दिल्ली तक मुस्लीम सत्ता को हिंदू वीरो ने
महावीरो ने परास्त कर चूर चूर कर दिया | ये इतिहास
गांधी-नेहरू जैसे असुर तुमको कभी नही बतायेंगे...
2.) अफगानिस्तान पर आक्रमण करके मराठा सेना ने
45000/ पठानो को काट फेका और 800 वर्षो बाद
गांधार पर भगवा झंडा लहराया |
3.) सोमनाथ मंदिर तोड़ने वाला भी कुत्ते की तरह टुकड़े
टुकड़े कर के चील गिद्धों को खिला दिया गया इसी देश मैं
यह कोई नहीं बताएगा|
4.) शिवाजी महाराज के सेनापति हम्बिराव ने 3 घंटे मैं
600 मुल्लो को काट डाला था यह कोई नहीं बताएगा |
5.) दिल्ली का गौरी शंकर मंदिर आज भी उस वीर हिदू
गाथा का गवाह है जब वीर हिन्दू नायक बाजी राव
पेशवा प्रथम ने मुगलों की ईंट से ईंट बजा कर दिल्ली पर
भगवा झंडा फहराया था और 800 वर्ष पुराने गौरी शंकर
मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था|
राजस्थान की शौर्य गाथा
शूरवीर हिंदूओ के महान सत्य
1. चित्तौड़ के जयमाल मेड़तिया ने एक
ही झटके में हाथी का सिर काट डाला था ।
2. करौली के जादोन राजा अपने सिंहासन पर
बैठते वक़्त अपने दोनो हाथ जिन्दा शेरों पर रखते
थे ।
3. जोधपुर के जसवंत सिंह के 12 साल के
पुत्र पृथ्वी सिंह ने हाथोँसे औरंगजेब के खूंखार
भूखे जंगली शेर का जबड़ा फाड़ डाला था ।
4. राणा सांगा के शरीर पर युद्धोंके छोटे-
बड़े 80 घाव थे। युद्धों में घायल होने के कारण
-
उनके एक हाथ नहीं था, एक पैर नही था, एक
आँख नहीं थी। उन्होंने अपने जीवन-काल में 100
से भी अधिक युद्ध लड़े थे ।
5. एक राजपूत वीर जुंझार जो मुगलों से
लड़ते वक्त शीश कटने के बाद भी घंटे तक लड़ते
रहे आज उनका सिर बाड़मेर में है,
जहाँ छोटा मंदिर हैं और धड़ पाकिस्तान में है।
6. रायमलोत कल्ला का धड़, शीश कटने के
बाद लड़ता-लड़ता घोड़े पर पत्नी रानी के पास
पहुंच गया था तब रानी ने गंगाजल के छींटे डाले
तब धड़ शांत हुआ।
7. चित्तौड़ में अकबर से हुए युद्ध में
जयमाल राठौड़ पैर जख्मी होने की वजह से
कल्ला जी के कंधे पर बैठ कर युद्ध लड़े थे। ये
देखकर सभी युद्ध-रत साथियों को चतुर्भुज
भगवान की याद आ गयी थी, जंग में दोनों के सर
काटने के बाद भी धड़ लड़ते रहे और
राजपूतों की फौज ने दुश्मन को मार गिराया। अंत
में अकबर ने उनकी वीरता से प्रभावित हो कर
जयमाल और कल्ला जी की मूर्तियाँ आगरा के
किले में लगवायी थी।
8. राजस्थान पाली में आउवा के ठाकुर
खुशाल सिंह 1877 में अजमेर जा कर अंग्रेज
अफसर का सर काट कर ले आये थे और
उसका सर अपने किले के बाहर लटकाया था, तब
से आज दिन तक उनकी याद में मेला लगता है।
9. महाराणा प्रताप के भाले का वजन
सवा मन (लगभग 50 किलो ) था, कवच
का वजन 80 किलो था। कवच, भाला, ढाल और
हाथ में तलवार का वजन मिलाये तो लगभग
200 किलो था। उन्होंने तलवार के एक ही वार
से बख्तावर खलजी को टोपे, कवच, घोड़े सहितC
एक ही झटके में काट दिया था।
10. सलूम्बर के नवविवाहित रावत रतन
सिंह चुण्डावत जी ने युद्ध जाते समय मोह-वश
अपनी पत्नी हाड़ा रानी की कोई
निशानी मांगी तो रानी ने सोचा ठाकुर युद्ध में मेरे
मोह के कारण नही लड़ेंगे तब रानी ने निशानी के
तौर पर अपना सर काट के दे दिया था।
अपनी पत्नी का कटा शीश गले में लटका कर
मुग़ल सेना के साथ भयंकर युद्ध किया और
वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपनी मातृ भूमि के लिए
शहीद हो गये थे।
11. हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से
20000 सैनिक थे और अकबर की ओर से
85000 सैनिक थे। फिर भी अकबर की मुगल
सेना पर राजपूत भारी पड़े थे।
ये वो हिन्दू सूरमे थे जिनके नाम मात्र से मुग़ल सेना काँप
जाती थी।
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देगी और आपमें नयी चेतना डाल देगी :-
आज के बाद कभी मत कहना की हिन्दू कायर थे |सच्चे
इतिहास से परिचित होने के लिए दी हुई पोस्ट पूरा पढो |
वीरों - महावीरो को इतिहास के पन्नो में सिमटने नहीं देंगे
हम...पहचानिए अपने गौरव को ...
||सत्य ना कभी झुका हैं ना कभी झुकेगा ||
झूठे इतिहास को पढ़ाकर हिन्दुओं को नपुंसक बनाने
का षड्यंत्र :-
हम लोगों को जो झुठा इतिहास पढाया जाता हैं इसलिए
की ताकि हमे गुलामी की आदत पड़ जाय | ये ही पढ़ते हैं
हम हमेशा की मुगलों ने 400 साल राज किया,
गौरी गजनवी आये, और हमारे मंदिर लूट कर चले गये,
तुर्क अफगान आये, और हम पर सैंकड़ो सालो तक राज
करके चले गए, आदि आदि हमको डराने वाली बातें जिससे
हमारे अंदर हीन भावना आ जाये ||
कब तक नेहरु गाँधी का झूठा इतिहास पढ़ते रहोगे, कब तक
ये कहते रहोगे, की मुसलमानों ने हम पर 800 साल राज
किया |
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अरे मैं कहता हूँ
जला डालो ऐसी किताबो को जहा ये लिखा है की अकबर
महान था,
फाड़ दो उन पृष्ठों को जो कहते है की बाबर बहुत
शक्तिशाली था,
फेंक दो उन दस्तावेजो को जो कहते है की औरंगजेब ने
लाखो कश्मीरी पंडितो के जनेऊ उतरवाए पर किसी हिन्दू ने
प्रतिकार नहीं किया |
1.) अफगानिस्तान के अटक से लेकर कटक तक और
दक्षिण से दिल्ली तक मुस्लीम सत्ता को हिंदू वीरो ने
महावीरो ने परास्त कर चूर चूर कर दिया | ये इतिहास
गांधी-नेहरू जैसे असुर तुमको कभी नही बतायेंगे...
2.) अफगानिस्तान पर आक्रमण करके मराठा सेना ने
45000/ पठानो को काट फेका और 800 वर्षो बाद
गांधार पर भगवा झंडा लहराया |
3.) सोमनाथ मंदिर तोड़ने वाला भी कुत्ते की तरह टुकड़े
टुकड़े कर के चील गिद्धों को खिला दिया गया इसी देश मैं
यह कोई नहीं बताएगा|
4.) शिवाजी महाराज के सेनापति हम्बिराव ने 3 घंटे मैं
600 मुल्लो को काट डाला था यह कोई नहीं बताएगा |
5.) दिल्ली का गौरी शंकर मंदिर आज भी उस वीर हिदू
गाथा का गवाह है जब वीर हिन्दू नायक बाजी राव
पेशवा प्रथम ने मुगलों की ईंट से ईंट बजा कर दिल्ली पर
भगवा झंडा फहराया था और 800 वर्ष पुराने गौरी शंकर
मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था|
राजस्थान की शौर्य गाथा
शूरवीर हिंदूओ के महान सत्य
1. चित्तौड़ के जयमाल मेड़तिया ने एक
ही झटके में हाथी का सिर काट डाला था ।
2. करौली के जादोन राजा अपने सिंहासन पर
बैठते वक़्त अपने दोनो हाथ जिन्दा शेरों पर रखते
थे ।
3. जोधपुर के जसवंत सिंह के 12 साल के
पुत्र पृथ्वी सिंह ने हाथोँसे औरंगजेब के खूंखार
भूखे जंगली शेर का जबड़ा फाड़ डाला था ।
4. राणा सांगा के शरीर पर युद्धोंके छोटे-
बड़े 80 घाव थे। युद्धों में घायल होने के कारण
-
उनके एक हाथ नहीं था, एक पैर नही था, एक
आँख नहीं थी। उन्होंने अपने जीवन-काल में 100
से भी अधिक युद्ध लड़े थे ।
5. एक राजपूत वीर जुंझार जो मुगलों से
लड़ते वक्त शीश कटने के बाद भी घंटे तक लड़ते
रहे आज उनका सिर बाड़मेर में है,
जहाँ छोटा मंदिर हैं और धड़ पाकिस्तान में है।
6. रायमलोत कल्ला का धड़, शीश कटने के
बाद लड़ता-लड़ता घोड़े पर पत्नी रानी के पास
पहुंच गया था तब रानी ने गंगाजल के छींटे डाले
तब धड़ शांत हुआ।
7. चित्तौड़ में अकबर से हुए युद्ध में
जयमाल राठौड़ पैर जख्मी होने की वजह से
कल्ला जी के कंधे पर बैठ कर युद्ध लड़े थे। ये
देखकर सभी युद्ध-रत साथियों को चतुर्भुज
भगवान की याद आ गयी थी, जंग में दोनों के सर
काटने के बाद भी धड़ लड़ते रहे और
राजपूतों की फौज ने दुश्मन को मार गिराया। अंत
में अकबर ने उनकी वीरता से प्रभावित हो कर
जयमाल और कल्ला जी की मूर्तियाँ आगरा के
किले में लगवायी थी।
8. राजस्थान पाली में आउवा के ठाकुर
खुशाल सिंह 1877 में अजमेर जा कर अंग्रेज
अफसर का सर काट कर ले आये थे और
उसका सर अपने किले के बाहर लटकाया था, तब
से आज दिन तक उनकी याद में मेला लगता है।
9. महाराणा प्रताप के भाले का वजन
सवा मन (लगभग 50 किलो ) था, कवच
का वजन 80 किलो था। कवच, भाला, ढाल और
हाथ में तलवार का वजन मिलाये तो लगभग
200 किलो था। उन्होंने तलवार के एक ही वार
से बख्तावर खलजी को टोपे, कवच, घोड़े सहितC
एक ही झटके में काट दिया था।
10. सलूम्बर के नवविवाहित रावत रतन
सिंह चुण्डावत जी ने युद्ध जाते समय मोह-वश
अपनी पत्नी हाड़ा रानी की कोई
निशानी मांगी तो रानी ने सोचा ठाकुर युद्ध में मेरे
मोह के कारण नही लड़ेंगे तब रानी ने निशानी के
तौर पर अपना सर काट के दे दिया था।
अपनी पत्नी का कटा शीश गले में लटका कर
मुग़ल सेना के साथ भयंकर युद्ध किया और
वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपनी मातृ भूमि के लिए
शहीद हो गये थे।
11. हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से
20000 सैनिक थे और अकबर की ओर से
85000 सैनिक थे। फिर भी अकबर की मुगल
सेना पर राजपूत भारी पड़े थे।
ये वो हिन्दू सूरमे थे जिनके नाम मात्र से मुग़ल सेना काँप
जाती थी।
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