सभी न्यूज़ चैनल पर लाइव आ रहा है की सलमान खान के घर के बहार जबरदस्त जश्न मनाया जा रहा है लोग नाच गा रहे है ढोल नगाड़े बज रहे है |ऐसा सिर्फ भारत देश में हो सकता है |क्या सलमान ने नशे में बिना ड्राइविंग लाइसेंस में एक गरीब को मार कर और चार लोगो को अपनी गाडी से कुचलकर कोई जश्न मनाने का काम किया था ? या कोई देश भक्ति का काम किया था |भारत में महंगे वकीलों की फौज से भारत के कमजोर कानून का सहारा लेकर जेल से तो बचा जा सकता है लेकिन सच्चाई को कभी बदला नहीं जा सकता |भारत में यह बात 100 % सच है की गरीबो को न्याय नही मिलता |हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट सिर्फ अमीरो को उनको कुकर्मो की सजा से बचाने के लिए है
. आज से संविधान की किताब से उस पन्ने का उखाड फेको आग लगादो उसमे जिसमे लिखा कानून सबके लिये समान है..!! उस मिडिया को भी जो सलमान खान की न्युज तो दिखा दी पर उन मासूम बच्चे की नही जिसने अपने वाप को खोया जिसने अपना पति खोया जिस बुढी मा ने अपना जवान बेटा खोया आज फैसला करने वाले आदमी को करोड़ो मिले होंगे सच्रा झूठा पाप पुण्य कुछ नहीं केवल पैसा पैसा भाईओ ये राजस्थान का कोर्ट नही था जहाँ जमानत मिल जाएआज जज ने ये सिद्द कर दिया की बिकता है न्याय खरीदने वाला चाहिए रविन्द्र पाटिल एक ऐसा गवाह था जिसने सलमान को गाड़ी
चलाते और गरीबो पर गाडी चढ़ाते देखा था। वो एक कांस्टेबल
था। उसने कभी अपना बयान नहीं बदला। बेचारे को बयान
बदलने के लिए करोडो के लालच दिए गए, पुलिस और नेताओ का
बहुत दबाव बनाया गया, नौकरी से हटा दिया गया और जैल में
भी रखा गया मगर इस ईमानदार और खुद्दार आदमी ने कभी
अपना बयान नहीं बदला। बेचारे को अपनी जान बचाने के लिए
अपने घर परिवार को छोड़कर मुम्बई से भागना पड़ा। चोरी छुपे
घरवालो से मिलना पड़ता था। रविन्द्र पाटिल डिप्रेशन का
शिकार हो गया और 4 साल बाद जब मुम्बई लौटा तो उसको
भीख माँगने पर मजबूर होना पड़ा। उसके बाद ये बीमार पड़ गया
और एक दिन सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान इस नौजवान
की मौत हो गयी। मगर इसने कभी अपना बयान नहीं बदला।
सलमान की वजह से इस ईमानदार पुलिस वाले की जिंदगी
खराब हो गयी और उसकी मौत हो गयी। क्या सलमान को या
उसके परिवार वालो को या मीडिया को या सलमान फेन्स
को या देशवासियो को रविन्द्र पाटिल का ज़रा सा भी ग़म
है?
. आज से संविधान की किताब से उस पन्ने का उखाड फेको आग लगादो उसमे जिसमे लिखा कानून सबके लिये समान है..!! उस मिडिया को भी जो सलमान खान की न्युज तो दिखा दी पर उन मासूम बच्चे की नही जिसने अपने वाप को खोया जिसने अपना पति खोया जिस बुढी मा ने अपना जवान बेटा खोया आज फैसला करने वाले आदमी को करोड़ो मिले होंगे सच्रा झूठा पाप पुण्य कुछ नहीं केवल पैसा पैसा भाईओ ये राजस्थान का कोर्ट नही था जहाँ जमानत मिल जाएआज जज ने ये सिद्द कर दिया की बिकता है न्याय खरीदने वाला चाहिए रविन्द्र पाटिल एक ऐसा गवाह था जिसने सलमान को गाड़ी
चलाते और गरीबो पर गाडी चढ़ाते देखा था। वो एक कांस्टेबल
था। उसने कभी अपना बयान नहीं बदला। बेचारे को बयान
बदलने के लिए करोडो के लालच दिए गए, पुलिस और नेताओ का
बहुत दबाव बनाया गया, नौकरी से हटा दिया गया और जैल में
भी रखा गया मगर इस ईमानदार और खुद्दार आदमी ने कभी
अपना बयान नहीं बदला। बेचारे को अपनी जान बचाने के लिए
अपने घर परिवार को छोड़कर मुम्बई से भागना पड़ा। चोरी छुपे
घरवालो से मिलना पड़ता था। रविन्द्र पाटिल डिप्रेशन का
शिकार हो गया और 4 साल बाद जब मुम्बई लौटा तो उसको
भीख माँगने पर मजबूर होना पड़ा। उसके बाद ये बीमार पड़ गया
और एक दिन सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान इस नौजवान
की मौत हो गयी। मगर इसने कभी अपना बयान नहीं बदला।
सलमान की वजह से इस ईमानदार पुलिस वाले की जिंदगी
खराब हो गयी और उसकी मौत हो गयी। क्या सलमान को या
उसके परिवार वालो को या मीडिया को या सलमान फेन्स
को या देशवासियो को रविन्द्र पाटिल का ज़रा सा भी ग़म
है?
सलमान खान को सजा होने पर मीडिया ने 13 मिनटों में बता दिया की...
1 सजा सुन सलमान रो पड़े
2 सलमान की माँ बेहोश हो गई
3 सलमान के बहन और भाई रुआंसे हो गए
4 सलमान की सजा पर फ़िल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों की क्या प्रतिक्रिया है
5 सलमान के जेल जाने से किस निर्देशक निर्माता को कितना नुकसान होगा.....आदि...आदि...
लेकिन पुरे 13 सालों में वो ये नहीं खोज पाया की...
1 मरने वाले लोग कौन थे,कहाँ से थे
2 इन सालों में उनकी माएँ जिन्दा बची या मर गई
3 उनके भाई बहनो के मन में मरने वालों की कोई याद बची है या वो भी मर गई
4 उनके बीवी बच्चे किन कठिनाइयों का सामना करते हुए दिन गुजार रहे है
5 आजादी के 67 सालों के बाद भी लोग फुटपाथ पर रात गुजारने को क्यों विवश है
क्या मीडिया इतनी सतही पत्रकारिता करने के बदले
समाज से विशेष सम्मान.सुविधाएं और संरक्षण चाहता है ? धिक्कार् है आज की पत्रकारिता पर...
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