*#हिन्दुओं याद रखना #मोदी,#योगी,और #शाह,इनकी #ईमानदारी पे कभी शक मत करना,,क्योंकि ये कोई नेता नही

Thursday, 30 April 2015

हनुमान जी के विवाह का रहस्य

🍁 हनुमान जी के विवाह का रहस्य 🍁

👉संकट मोचन हनुमान जी के ब्रह्मचारी रूप से तो सब परिचित हैं..
उन्हें बाल ब्रम्हचारी भी कहा जाता है...
लेकिन क्या अपने कभी सुना है की हनुमान जी का विवाह भी हुआ
था ??
और उनका उनकी पत्नी के साथ एक मंदिर भी है ??
जिसके दर्शन के लिए दूर दूर से लोग आते हैं..
कहा जाता है कि हनुमान जी के उनकी पत्नी के साथ दर्शन करने के
बाद घर मे चल रहे पति पत्नी के बीच के सारे तनाव खत्म हो जाते हैं.
आन्ध्र प्रदेश के खम्मम जिले में बना हनुमान जी का यह मंदिर काफी मायनों में ख़ास है..

ख़ास इसलिए की यहाँ हनुमान जी अपने ब्रम्हचारी रूप में नहीं बल्कि गृहस्थ रूप में अपनी पत्नी सुवर्चला के साथ विराजमान है.
हनुमान जी के सभी भक्त यही मानते आये हैं की वे बाल ब्रह्मचारी थे.
और बाल्मीकि, कम्भ, सहित किसी भी रामायण और रामचरित मानस में
बालाजी के इसी रूप का वर्णन मिलता है..
लेकिन पराशर संहिता में हनुमान जी केविवाह का उल्लेख है.
इसका सबूत है आंध्र प्रदेश के खम्मम ज़िले में बना एक खास मंदिर जो प्रमाण है हनुमान जी की शादी का।
ये मंदिर याद दिलाता है रामदूत के उस चरित्र का जब उन्हें विवाह के बंधन में बंधना पड़ा था।

लेकिन इसका ये अर्थ नहीं कि भगवान हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी नहीं थे।
पवनपुत्र का विवाह भी हुआ था और वो बाल ब्रह्मचारी भी थे।
कुछ विशेष परिस्थियों के कारण ही बजरंगबली को सुवर्चला के साथ विवाह बंधन मे बंधना पड़ा।
हनुमान जी ने भगवान सूर्य को अपना गुरु बनाया था। हनुमान, सूर्य से अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे थे...
सूर्य कहीं रुक नहीं सकते थे इसलिए हनुमान जी को सारा दिन भगवान
सूर्य के रथ के साथ साथ उड़ना पड़ता और भगवान सूर्य उन्हें तरह- तरह की विद्याओं का ज्ञान देते।
लेकिन हनुमान जी को ज्ञान देते समय सूर्य के सामने एक दिन धर्मसंकट खड़ा हो गया।
कुल ९ तरह की विद्या में से हनुमान जी को उनके गुरु ने पांच तरह
की विद्या तो सिखा दी लेकिन बची चार तरह की विद्या और ज्ञान ऐसे थे जो केवल किसी विवाहित को ही सिखाए जा सकते थे।

हनुमान जी पूरी शिक्षा लेने का प्रण कर चुके थे और इससे कम पर वो मानने को राजी नहीं थे।
इधर भगवान सूर्य के सामने संकट था कि वो धर्म के अनुशासन के कारण किसी अविवाहित को कुछ विशेष विद्याएं नहीं सिखला सकते थे।
ऐसी स्थिति में सूर्य देव ने हनुमान जी को विवाह की सलाह दी..
और अपने प्रण को पूरा करने के लिए हनुमान जी भी विवाह सूत्र में बंधकर शिक्षा ग्रहण करने को तैयार हो गए।
लेकिन हनुमान जी के लिए दुल्हन कौन हो और कहा से वह मिलेगी इसे लेकर सभी चिंतित थे.. ऐसे में सूर्यदेव ने अपने शिष्य हनुमान जी को राह दिखलाई।

सूर्य देव ने अपनी परम तपस्वी और
तेजस्वी पुत्री सुवर्चला को हनुमान जी के साथ शादी के लिए तैयार कर लिया।
इसके बाद हनुमान जी ने अपनी शिक्षा पूर्ण की और सुवर्चला सदा के लिए अपनी तपस्या में रत हो गई।
इस तरह हनुमान जी भले ही शादी के बंधन में बांध गए हो लेकिन शाररिक रूप से वे आज भी एक ब्रह्मचारी ही हैं.
पराशर संहिता में तो लिखा गया है की खुद सूर्यदेव ने इस शादी पर यह कहा की - यह शादी ब्रह्मांड के कल्याण के लिए ही हुई है और इससे हनुमान जी का ब्रह्मचर्य भी प्रभावित नहीं हुआ ...

|| जय श्री राम ||

कमी मे भी गुण देखना

💎 कमी में भी गुण देखना💎

👉बहुत  समय  पहले  की  बात  है  , किसी  गाँव  में  एक   किसान



 रहता  था . वह  रोज़   भोर  में  उठकर  दूर  झरनों  से  स्वच्छ  पानी  लेने  जाया   करता  था . इस  काम  के  लिए  वह  अपने  साथ  दो  बड़े  घड़े  ले  जाता  था , जिन्हें  वो  डंडे  में   बाँध  कर  अपने कंधे पर  दोनों  ओर  लटका  लेता  था .

👉उनमे  से  एक  घड़ा  कहीं  से  फूटा  हुआ  था  ,और  दूसरा  एक  दम  सही  था . इस  वजह  से  रोज़  घर  पहुँचते -पहुचते  किसान  के  पास  डेढ़  घड़ा   पानी  ही बच  पाता  था .ऐसा  दो  सालों  से  चल  रहा  था .

👉सही  घड़े  को  इस  बात  का  घमंड  था  कि  वो  पूरा  का  पूरा  पानी  घर  पहुंचता  है  और  उसके  अन्दर  कोई  कमी  नहीं  है  ,  वहीँ  दूसरी  तरफ  फूटा  घड़ा  इस  बात  से  शर्मिंदा  रहता  था  कि  वो  आधा  पानी  ही  घर  तक  पंहुचा   पाता  है  और  किसान  की  मेहनत  बेकार  चली  जाती  है .   फूटा घड़ा ये  सब  सोच  कर  बहुत  परेशान  रहने  लगा  और  एक  दिन  उससे  रहा  नहीं  गया , उसने  किसान   से  कहा , “ मैं  खुद  पर  शर्मिंदा  हूँ  और  आपसे  क्षमा  मांगना  चाहता  हूँ ?”

“क्यों  ? “ , किसान  ने  पूछा  , “ तुम  किस  बात  से  शर्मिंदा  हो ?”

👉“शायद  आप  नहीं  जानते  पर  मैं  एक  जगह  से  फूटा  हुआ  हूँ , और  पिछले  दो  सालों  से  मुझे  जितना  पानी  घर  पहुँचाना  चाहिए  था  बस  उसका  आधा  ही  पहुंचा  पाया  हूँ , मेरे  अन्दर  ये  बहुत बड़ी  कमी  है , और  इस  वजह  से  आपकी  मेहनत  बर्वाद  होती  रही  है .”, फूटे घड़े ने दुखी होते हुए कहा.

👉किसान  को  घड़े  की  बात  सुनकर  थोडा  दुःख  हुआ  और  वह  बोला , “ कोई  बात  नहीं , मैं  चाहता  हूँ  कि  आज  लौटते  वक़्त  तुम   रास्ते में  पड़ने  वाले  सुन्दर  फूलों  को  देखो .”

👉घड़े  ने  वैसा  ही  किया , वह  रास्ते  भर  सुन्दर  फूलों  को  देखता  आया , ऐसा करने से  उसकी  उदासी  कुछ  दूर  हुई  पर  घर  पहुँचते – पहुँचते   फिर  उसके  अन्दर  से  आधा  पानी  गिर  चुका  था, वो  मायूस  हो  गया  और   किसान  से  क्षमा  मांगने  लगा .

👉किसान  बोला ,” शायद  तुमने  ध्यान  नहीं  दिया  पूरे  रास्ते  में  जितने   भी  फूल  थे  वो  बस  तुम्हारी  तरफ  ही  थे , सही  घड़े  की  तरफ  एक  भी  फूल  नहीं  था . ऐसा  इसलिए  क्योंकि  मैं  हमेशा  से  तुम्हारे  अन्दर  की  कमी को   जानता  था , और  मैंने  उसका  लाभ  उठाया . मैंने  तुम्हारे  तरफ  वाले  रास्ते  पर   रंग -बिरंगे  फूलों के  बीज  बो  दिए  थे  , तुम  रोज़  थोडा-थोडा  कर  के  उन्हें  सींचते  रहे  और  पूरे  रास्ते  को  इतना  खूबसूरत  बना  दिया . आज तुम्हारी  वजह  से  ही  मैं  इन  फूलों  को  भगवान  को  अर्पित  कर  पाता  हूँ  और   अपना  घर  सुन्दर  बना  पाता  हूँ . तुम्ही  सोचो  अगर  तुम  जैसे  हो  वैसे  नहीं  होते  तो  भला  क्या  मैं  ये  सब  कुछ  कर  पाता ?”

🌺सीख-👉दोस्तों  हम  सभी  के  अन्दर  कोई  ना  कोई  कमी होती है  ,  पर यही कमियां हमें अनोखा  बनाती हैं . उस किसान की  तरह  हमें  भी  हर  किसी  को  वो  जैसा  है  वैसे  ही स्वीकारना चाहिए  और  उसकी  अच्छाई  की  तरफ  ध्यान  देना  चाहिए, और जब हम ऐसा करेंगे तब “फूटा घड़ा” भी “अच्छे घड़े” से मूल्यवान हो जायेगा.

सभी को समर्पित

Wednesday, 29 April 2015

हिन्दू तन मन जीवन

--------------०: हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन :०-----------

हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार क्षार
डमरू की वह प्रलयध्वनि हूं जिसमे नचता भीषण संहार
रणचंडी की अतृप्त प्यास मै दुर्गा का उन्मत्त हास
मै यम की प्रलयंकर पुकार जलते मरघट का धुँवाधार
फिर अंतरतम की ज्वाला से जगती मे आग लगा दूं मै
यदि धधक उठे जल थल अंबर जड चेतन तो कैसा विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै आज पुरुष निर्भयता का वरदान लिये आया भूपर
पय पीकर सब मरते आए मै अमर हुवा लो विष पीकर
अधरोंकी प्यास बुझाई है मैने पीकर वह आग प्रखर
हो जाती दुनिया भस्मसात जिसको पल भर मे ही छूकर
भय से व्याकुल फिर दुनिया ने प्रारंभ किया मेरा पूजन
मै नर नारायण नीलकण्ठ बन गया न इसमे कुछ संशय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै अखिल विश्व का गुरु महान देता विद्या का अमर दान
मैने दिखलाया मुक्तिमार्ग मैने सिखलाया ब्रह्म ज्ञान
मेरे वेदों का ज्ञान अमर मेरे वेदों की ज्योति प्रखर
मानव के मन का अंधकार क्या कभी सामने सकठका सेहर
मेरा स्वर्णभ मे गेहर गेहेर सागर के जल मे चेहेर चेहेर
इस कोने से उस कोने तक कर सकता जगती सौरभ मै
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै तेजःपुन्ज तम लीन जगत मे फैलाया मैने प्रकाश
जगती का रच करके विनाश कब चाहा है निज का विकास
शरणागत की रक्षा की है मैने अपना जीवन देकर
विश्वास नही यदि आता तो साक्षी है इतिहास अमर
यदि आज देहलि के खण्डहर सदियोंकी निद्रा से जगकर
गुंजार उठे उनके स्वर से हिन्दु की जय तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
दुनिया के वीराने पथ पर जब जब नर ने खाई ठोकर
दो आँसू शेष बचा पाया जब जब मानव सब कुछ खोकर
मै आया तभि द्रवित होकर मै आया ज्ञान दीप लेकर
भूला भटका मानव पथ पर चल निकला सोते से जगकर
पथ के आवर्तोंसे थककर जो बैठ गया आधे पथ पर
उस नर को राह दिखाना ही मेरा सदैव का दृढनिश्चय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मैने छाती का लहु पिला पाले विदेश के सुजित लाल
मुझको मानव मे भेद नही मेरा अन्तःस्थल वर विशाल
जग से ठुकराए लोगोंको लो मेरे घर का खुला द्वार
अपना सब कुछ हूं लुटा चुका पर अक्षय है धनागार
मेरा हीरा पाकर ज्योतित परकीयोंका वह राज मुकुट
यदि इन चरणों पर झुक जाए कल वह किरिट तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै वीरपुत्र मेरि जननी के जगती मे जौहर अपार
अकबर के पुत्रोंसे पूछो क्या याद उन्हे मीना बझार
क्या याद उन्हे चित्तोड दुर्ग मे जलनेवाली आग प्रखर
जब हाय सहस्त्रो माताए तिल तिल कर जल कर हो गई अमर
वह बुझनेवाली आग नही रग रग मे उसे समाए हूं
यदि कभि अचानक फूट पडे विप्लव लेकर तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
होकर स्वतन्त्र मैने कब चाहा है कर लूं सब को गुलाम
मैने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम
गोपाल राम के नामोंपर कब मैने अत्याचार किया
कब दुनिया को हिन्दु करने घर घर मे नरसंहार किया
कोई बतलाए काबुल मे जाकर कितनी मस्जिद तोडी
भूभाग नही शत शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै एक बिन्दु परिपूर्ण सिन्धु है यह मेरा हिन्दु समाज
मेरा इसका संबन्ध अमर मै व्यक्ति और यह है समाज
इससे मैने पाया तन मन इससे मैने पाया जीवन
मेरा तो बस कर्तव्य यही कर दू सब कुछ इसके अर्पण
मै तो समाज की थाति हूं मै तो समाज का हूं सेवक
मै तो समष्टि के लिए व्यष्टि का कर सकता बलिदान अभय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
--------------------०: संकलन-के के :०--------------------


Saturday, 25 April 2015

अंधे धृतराष्ट्र ने क्यों गंवाए सौ पुत्र & nice line

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💎अंधे धृतराष्ट्र ने क्यों गंवाए सौ पुत्र- श्रीकृष्ण का उत्तर🌹

 -
🌷महाभारत युद्ध समाप्त होने पर धृतराष्ट्र ने श्रीकृष्ण से पूछा- मैं अंधा पैदा हुआ, सौ पुत्र मारे गए भगवन मैंने ऐसा कौन सा पाप किया है जिसकी सजा मिल रही है. श्रीकृष्ण ने बताना शुरू किया- पिछले जन्म में आप एक राजा थे. आपके राज्य में एक तपस्वी ब्राह्मण थे. उनके पास हंसों का एक जोड़ा था जिसके चार बच्चे थे.

🌷ब्राह्मण को तीर्थयात्रा पर जाना था लेकिन हंसों की चिंता में वह जा नहीं पा रहे थे. उसने अपनी चिंता एक साधु को बताई. साधु ने कहा- तीर्थ में हंसों को बाधक बताकर हंसों का अगला जन्म खराब क्यों करते हो. राजा प्रजापालक होता है. तुम और तुम्हारे हंस दोनों उसकी प्रजा हो. हंसों को राजा के संरक्षण में रखकर तीर्थ को जाओ.

🌷ब्राह्मण हंस और उसके बच्चे आपके पास रखकर तीर्थ को गए. आपको एक दिन मांस खाने की इच्छा हुई. आपने सोचा सभी जीवों का मांस खाया है पर हंस का मांस नहीं खाया. आपने हंस के दो बच्चे भूनकर खा लिए. आपको हंस के मांस का स्वाद लग गया. हंस के एक-एक कर सौ बच्चे हुए और आप सबको खाते गए.अंततः हंस का जोड़ा मर गया.

🌷कई साल बाद वह ब्राह्मण लौटा और हंसों के बारे में पूछा तो आपने कह दिया कि हंस बीमार होकर मर गए. आपने तीर्थयात्रा पर गए उस व्यक्ति के साथ विश्वासघात किया जिसने आप पर अंधविश्वास किया था. आपने प्रजा की धरोहर में डाका डालकर राजधर्म भी नहीं निभाया.

🌷जिह्वा के लालच में पड़कर हंस के सौ बच्चे भूनकर खाने के पाप से आपके सौ पुत्र हुए जो लालच में पड़कर मारे गए. आप पर आंख मूंदकर भरोसा करने वाले से झूठ बोलने और राजधर्म का पालन नहीं करने के कारण आप अंधे और राजकाज में विफल व्यक्ति हो गए.

🌷श्रीकृष्ण ने कहा- सबसे बड़ा छल होता है विश्वासघात. आप उसी पाप का फल भोग रहे हैं.
🍀🌷🍀🌷🎋⭐💲🌷🍀🌷🍀

 💴💷💰💰एक दिन 'दर्द' ने 'दौलत' से
कहा -:
👍🌺"तुम कितनी खुशनसीब हो
कि हर कोई तुम्हें पाने की
कोशिश करता है और मैं
इतना बदनसीब हूँ कि हर
कोई मुझसे दूर जाने की
कोशिश करता है।"
🌺👍'दौलत' ने बहुत प्यारा
जवाब दिया -:
"खुशनसीब तो तुम हो ,
जिसको पाकर लोग अपनो
को याद करते हैं...
🌺👍बदनसीब तो मैं हूँ जिसको
पा कर लोग अक्सर अपनों
को भूल जाते हैँ"

🙏🌹
: जियो इतना की ज़िंदगी कम पड़ जाए,
हंसो इतना की रोना मुश्किल हो जाए,

किसी चीज़ को पाना तो
क़िस्मत की बात है,
मगर कोशिश इतनी करो की
ईश्वर देने पे मजबूर हो जाए ।।

🌷 "दीपक बोलता नहीं उसका
प्रकाश परिचय देता है ।
       ठीक उसी प्रकार...
आप अपने बारे में कुछ न बोले,
   अच्छे कर्म करते रहे
 वही आपका परिचय देगे।।।

🙏🙏
‬: कभी उसको नजरअंदाज न करो,
जो तुम्हारी बहुत परवाह करता हो,
वरना किसी दिन तुम्हें एहसास होगा,
के पत्थर जमा करते करते तुमने हीरा गवा दिया...

🌷‬: मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी
भी डंख मारने से नहीं चुकती
इसलिए होंशियार रहें…
बहुत मीठा बोलने वाले भी
‘हनी’ नहीं ‘हानि’ दे सकते है
     🙏
निर्धन गिरे पहाड़ से कोई ना पूछे हाल..
करोड़पति को कांटा लगे तो पूछे लोग हज़ार !!

🌷: एक कलाकार से दिल के दरवाजे कीतस्वीर बनाने के लिए कहा गया, उसनेबहुत सुन्दर दिल की तस्वीर बनायीऔरउसमे एक छोटा सा खुबसूरतदरवाजा लगाया | मगर उसमे हैंडलनहीं था…किसी ने पूछा भाई इसमेंहैंडल क्यों नहीं लगाया ? कलाकार नेबहुत खुबसूरत और दिल को छूने वाला जवाब दिया की-“दिल के दरवाजे अन्दर से खुलते हैं,बाहर से नहीं”…

Friday, 24 April 2015

मरना नही मारना सीखो

🔪🔪🔪 मरना नहीं मारना सीखो, घर में दो से चार करो।
जिस मिट्टी में पले बढ़े उस भारत मां से प्यार करो।
अब यह खेल बना निर्णायक जो अब तक भी खेला था।
झांसी रानी थी खेली हल्दी घाटी भी खेला था।
सिंहों के शिकार को गर जबड़ों से कौवे खीचेंगे।
अम्बर. से बलिदानी जत्थे अपने ऊपर. खीझेंगे।
हमको नहीं चाहिये कुछ भी बिजली पानी सड़क यहाँ ।
हमें चाहिये ऎसा भारत. केवल हिन्दू रहें जहां।
पाक सा टुकड़ा नहीं सम्हलता, लाल किले बनबायेंगे।
जिन्हें जन्नत में भी हूर चाहिये ताजमहल बनबायेंगे।
अब तो देखो चाट रहा है मुफ्ती अपने थूके को।
गैरों के झन्ड़े लहर रहे देखो तो उनके बूते को।
शर्म करो राणा सांगा का लहू उबालें खाता है।
असलम और. गिलानी हद से बाहर होता जाता है।
अगर. 3 7 0. अपने संविधान. में अड़चन. है।
और हुर्रियत पाकिस्तानी मन्सूबों की धड़कन है।
अगर मसर्रत हिम्मत है दुश्मन झंड़ा लहराने की।
आतंकी की मौतों पर तख्ती शहीद लगवाने की।
घाटी में एलान कर दो मौत का सौदा कर डालो।
जिस बस्ती में पाक का झन्डा,वो बस्ती जलवा ड़ालो।


🔫: "भगवा" एक पवित्र रंग है, जिसको सदियों सेहमारे साधू-संत पूजते आ रहे है. सूर्य में जो आग है वो रंगभी भगवा है."केसरिया" या "भगवा" रंग शौर्य औरवीरता का प्रतिक है. इस रंगको पहनकर न जाने कितने वीरों ने अपना बलिदानदिया. साधू-संतों का समागम हो या, हिन्दूमंदिरों कि ध्वजा हो या फिर सजावटसभी में शान का रंग भगवा है. भगवा रंग में हिन्दू धर्मकि आस्था, दर्शनऔर जीवनशैली छुपी हुई है.भगवा या केसरिया सूर्योदय और सुर्यास्तका रंग है, मतलब हिंदू की चिरंतन, सनातनी, पुर्नजन्मकी धारणाओंको बताने वाला रंग है यह। आग औरचित्ता या कि अंतिम सत्यका भी यह रंग है। इसी रंग के वस्त्र धारण कर हिंदू,बौद्र साधू संतविदेश गए। दुनिया को शांति का धर्म संदेश दिया।दुनिया की दूसरी सभ्यताओं, संस्कृतियों के अपने रंग हैजबकि भगवा की पहचान इसलिए है क्योंकि वहसिर्फ हिंदुस्तान मेंहिंदू-बौद्व-सिक्खों का प्रतिनिधि रंग रहा है।हिंदूओं के लिए यहशौर्य और त्याग का भी रंग है। महाराणा प्रताप औरशिवाजी केझंडे भगवा ही तो थे।

🔫: इस धरती से उस अम्बर तक भारत
की जयकार
करो....!
उठो हिन्द के सिंह शावकों गांडीव
की टंकार करो.....!!
जो भारत माँ को गाली दे उन दुष्टों का संहार करो....!
स्वाभिमान से जीना है तो हिन्दुत्व
को स्वीकार
करो.....!!
-------- वंदेमातरम --------
              🇮🇳💪🚩

राम जन्म भूमि का इतिहास


                                                                                                 अयोध्या-विवाद की कहानी जिसे
पढ़कर आप रो पड़ेंगे।
कृपया इस
लेख को पढ़ें, तथा प्रतेक
हिन्दूँ मिञों को अधिक से
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जब बाबर
दिल्ली की गद्दी पर
आसीन हुआ उस समय
जन्मभूमि सिद्ध महात्मा श्यामनन्द जी महाराज के
अधिकार क्षेत्र में थी। महात्मा श्यामनन्द
की ख्याति सुनकर ख्वाजा कजल अब्बास
मूसा आशिकान
अयोध्या आये । महात्मा जी के शिष्य बनकर
ख्वाजा कजल अब्बास मूसा ने योग और सिद्धियाँ प्राप्त
कर ली और उनका नाम
भी महात्मा श्यामनन्द के
ख्यातिप्राप्त शिष्यों में लिया जाने लगा।

ये सुनकर
जलालशाह नाम का एक फकीर भी
महात्मा श्यामनन्द के पास आया और उनका शिष्य बनकर
सिद्धियाँ प्राप्त करने लगा।
जलालशाह एक कट्टर मुसलमान था, और उसको एक
ही सनक थी,
हर जगह इस्लाम का आधिपत्य साबित करना । अत:
जलालशाह ने अपने काफिर गुरू की पीठ
में छुरा घोंपकर
ख्वाजा कजल अब्बास मूसा के साथ मिलकर ये विचार
किया की यदि इस मदिर को तोड़ कर मस्जिद
बनवा दी जाये तो इस्लाम का परचम हिन्दुस्थान में
स्थायी हो जायेगा। धीरे धीरे
जलालशाह और
ख्वाजा कजल अब्बास मूसा इस साजिश को अंजाम देने
की तैयारियों में जुट गए ।

सर्वप्रथम जलालशाह और ख्वाजा बाबर के
विश्वासपात्र बने और दोनों ने अयोध्या को खुर्द
मक्का बनाने के लिए जन्मभूमि के आसपास
की जमीनों में
बलपूर्वक मृत मुसलमानों को दफन करना शुरू किया॥ और
मीरबाँकी खां के माध्यम से बाबर
को उकसाकर मंदिर के
विध्वंस का कार्यक्रम बनाया। बाबा श्यामनन्द
जी अपने मुस्लिम शिष्यों की करतूत देख
के बहुत दुखी हुए
और अपने निर्णय पर उन्हें बहुत पछतावा हुआ।

दुखी मन से
बाबा श्यामनन्द जी ने
रामलला की मूर्तियाँ सरयू में
प्रवाहित किया और खुद हिमालय की और
तपस्या करने
चले गए। मंदिर के पुजारियों ने मंदिर के अन्य सामान
आदि हटा लिए और वे स्वयं मंदिर के द्वार पर
रामलला की रक्षा के लिए खड़े हो गए। जलालशाह
की आज्ञा के अनुसार उन चारो पुजारियों के सर काट
लिए गए. जिस समय मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाने
की घोषणा हुई उस समय
भीटी के राजा महताब सिंह
बद्री नारायण की यात्रा करने के लिए
निकले
थे,अयोध्या पहुचने पर रास्ते में उन्हें ये खबर
मिली तो उन्होंने अपनी यात्रा स्थगित कर
दी और
अपनी छोटी सेना में रामभक्तों को शामिल
कर १ लाख
चौहत्तर हजार लोगो के साथ बाबर की सेना के ४
लाख
५० हजार सैनिकों से लोहा लेने निकल पड़े।

रामभक्तों ने सौगंध ले रक्खी थी रक्त
की आखिरी बूंद तक
लड़ेंगे जब तक प्राण है तब तक मंदिर नहीं गिरने
देंगे।
रामभक्त वीरता के साथ लड़े ७० दिनों तक घोर संग्राम
होता रहा और अंत में राजा महताब सिंह समेत
सभी १
लाख ७४ हजार रामभक्त मारे गए। श्रीराम
जन्मभूमि रामभक्तों के रक्त से लाल हो गयी। इस
भीषण
कत्ले आम के बाद मीरबांकी ने
तोप लगा के मंदिर गिरवा दिया । मंदिर के मसाले से
ही मस्जिद का निर्माण हुआ
पानी की जगह मरे हुए
हिन्दुओं का रक्त इस्तेमाल किया गया नीव में
लखौरी इंटों के साथ ।

इतिहासकार कनिंघम अपने लखनऊ गजेटियर के 66वें अंक के
पृष्ठ 3 पर लिखता है की एक लाख चौहतर हजार
हिंदुओं
की लाशें गिर जाने के पश्चात
मीरबाँकी अपने मंदिर
ध्वस्त करने के अभियान मे सफल हुआ और उसके बाद
जन्मभूमि के चारो और तोप लगवाकर मंदिर को ध्वस्त कर
दिया गया..
इसी प्रकार हैमिल्टन नाम का एक अंग्रेज
बाराबंकी गजेटियर में लिखता है की "
जलालशाह ने
हिन्दुओं के खून का गारा बना के
लखौरी ईटों की नीव
मस्जिद बनवाने के लिए
दी गयी थी।
उस समय अयोध्या से ६ मील
की दूरी पर सनेथू नाम
का एक गाँव के पंडित देवीदीन पाण्डेय ने
वहां के आस
पास के गांवों सराय सिसिंडा राजेपुर आदि के सूर्यवंशीय
क्षत्रियों को एकत्रित किया॥ देवीदीन
पाण्डेय ने
सूर्यवंशीय क्षत्रियों से कहा भाइयों आप लोग मुझे
अपना राजपुरोहित मानते हैं ..अप के पूर्वज
श्री राम थे
और हमारे पूर्वज महर्षि भरद्वाज जी। आज
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम
की जन्मभूमि को मुसलमान
आक्रान्ता कब्रों से पाट रहे हैं और खोद रहे हैं इस
परिस्थिति में हमारा मूकदर्शक बन कर जीवित रहने
की बजाय जन्मभूमि की रक्षार्थ युद्ध
करते करते
वीरगति पाना ज्यादा उत्तम होगा॥

देवीदीन पाण्डेय
की आज्ञा से दो दिन के भीतर ९०
हजार क्षत्रिय इकठ्ठा हो गए दूर दूर के गांवों से लोग
समूहों में इकठ्ठा हो कर देवीदीन
पाण्डेय के नेतृत्व में
जन्मभूमि पर
जबरदस्त धावा बोल दिया । शाही सेना से लगातार ५
दिनों तक युद्ध हुआ । छठे दिन
मीरबाँकी का सामना देवीदीन
पाण्डेय से हुआ उसी समय
धोखे से उसके अंगरक्षक ने एक
लखौरी ईंट से पाण्डेय
जी की खोपड़ी पर वार कर
दिया। देवीदीन पाण्डेय का सर
बुरी तरह फट
गया मगर उस वीर ने अपने पगड़ी से
खोपड़ी से बाँधा और
तलवार से उस कायर अंगरक्षक का सर काट दिया।
इसी बीच
मीरबाँकी ने छिपकर
गोली चलायी जो पहले
ही से घायल देवीदीन पाण्डेय
जी को लगी और
वो जन्मभूमि की रक्षा में वीर
गति को प्राप्त
हुए..जन्मभूमि फिर से 90 हजार हिन्दुओं के रक्त से लाल
हो गयी। देवीदीन पाण्डेय के
वंशज सनेथू ग्राम के ईश्वरी पांडे का पुरवा नामक
जगह
पर अब भी मौजूद हैं॥
पाण्डेय जी की मृत्यु के १५ दिन बाद
हंसवर के महाराज
रणविजय सिंह ने सिर्फ २५ हजार सैनिकों के साथ
मीरबाँकी की विशाल और
शस्त्रों से सुसज्जित सेना से
रामलला को मुक्त कराने के लिए आक्रमण किया । 10
दिन तक युद्ध चला और महाराज जन्मभूमि के रक्षार्थ
वीरगति को प्राप्त हो गए। जन्मभूमि में 25 हजार
हिन्दुओं का रक्त फिर बहा।
रानी जयराज कुमारी हंसवर के
स्वर्गीय महाराज
रणविजय सिंह की पत्नी थी।

जन्मभूमि की रक्षा में
महाराज के वीरगति प्राप्त करने के बाद
महारानी ने
उनके कार्य को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया और
तीन
हजार नारियों की सेना लेकर उन्होंने जन्मभूमि पर
हमला बोल
दिया और हुमायूं के समय तक उन्होंने छापामार युद्ध
जारी रखा। रानी के गुरु
स्वामी महेश्वरानंद जी ने
रामभक्तों को इकठ्ठा करके सेना का प्रबंध करके जयराज
कुमारी की सहायता की। साथ
ही स्वामी महेश्वरानंद
जी ने
सन्यासियों की सेना बनायीं इसमें उन्होंने
२४
हजार सन्यासियों को इकठ्ठा किया और रानी जयराज
कुमारी के साथ , हुमायूँ के समय में कुल १० हमले
जन्मभूमि के उद्धार के लिए किये। १०वें हमले में
शाही सेना को काफी नुकसान हुआ और
जन्मभूमि पर
रानी जयराज कुमारी का अधिकार हो गया।

लेकिन लगभग एक महीने बाद हुमायूँ ने
पूरी ताकत से
शाही सेना फिर भेजी ,इस युद्ध में
स्वामी महेश्वरानंद
और रानी कुमारी जयराज
कुमारी लड़ते हुए
अपनी बची हुई
सेना के साथ मारे गए और जन्मभूमि पर
पुनः मुगलों का अधिकार हो गया। श्रीराम
जन्मभूमि एक बार फिर कुल 24 हजार सन्यासियों और 3
हजार वीर नारियों के रक्त से लाल
हो गयी।
रानी जयराज कुमारी और
स्वामी महेश्वरानंद जी के
बाद यद्ध का नेतृत्व
स्वामी बलरामचारी जी ने
अपने
हाथ में ले लिया।
स्वामी बलरामचारी जी ने गांव
गांव
में घूम कर
रामभक्त हिन्दू युवकों और सन्यासियों की एक
मजबूत
सेना तैयार करने का प्रयास किया और जन्मभूमि के
उद्धारार्थ २० बार आक्रमण किये. इन २० हमलों में काम
से
काम १५ बार स्वामी बलरामचारी ने
जन्मभूमि पर
अपना अधिकार कर लिया मगर ये अधिकार अल्प समय के
लिए रहता था थोड़े दिन बाद
बड़ी शाही फ़ौज
आती थी और जन्मभूमि पुनः मुगलों के
अधीन
हो जाती थी..जन्मभूमि में लाखों हिन्दू
बलिदान होते
रहे।
उस समय का मुग़ल शासक अकबर था।

शाही सेना हर दिन
के इन युद्धों से कमजोर हो रही थी..
अतः अकबर ने
बीरबल और टोडरमल के कहने पर खस
की टाट से उस
चबूतरे पर ३ फीट का एक छोटा सा मंदिर बनवा दिया.
लगातार युद्ध करते रहने के कारण
स्वामी बलरामचारी का स्वास्थ्य
गिरता चला गया था और प्रयाग कुम्भ के अवसर पर
त्रिवेणी तट पर
स्वामी बलरामचारी की मृत्यु
हो गयी ..
इस प्रकार बार-बार के आक्रमणों और हिन्दू जनमानस के
रोष एवं हिन्दुस्थान पर
मुगलों की ढीली होती पकड़
से
बचने का एक राजनैतिक प्रयास की अकबर
की इस
कूटनीति से कुछ दिनों के लिए जन्मभूमि में रक्त
नहीं बहा।

यही क्रम शाहजहाँ के समय
भी चलता रहा। फिर
औरंगजेब के हाथ सत्ता आई वो कट्टर मुसलमान था और
उसने समस्त भारत से काफिरों के सम्पूर्ण सफाये
का संकल्प लिया था। उसने लगभग 10 बार अयोध्या मे
मंदिरों को तोड़ने का अभियान चलकर यहाँ के
सभी प्रमुख मंदिरों की मूर्तियों को तोड़
डाला।

औरंगजेब के हाथ सत्ता आई वो कट्टर मुसलमान था और
उसने समस्त भारत से काफिरों के सम्पूर्ण सफाये
का संकल्प लिया था। उसने लगभग 10 बार अयोध्या मे
मंदिरों को तोड़ने का अभियान चलकर यहाँ के
सभी प्रमुख मंदिरों की मूर्तियों को तोड़
डाला।
औरंगजेब के समय में समर्थ गुरु श्री रामदास
जी महाराज
जी के शिष्य श्री वैष्णवदास
जी ने जन्मभूमि के
उद्धारार्थ 30 बार आक्रमण किये। इन आक्रमणों मे
अयोध्या के आस पास के गांवों के सूर्यवंशीय
क्षत्रियों ने
पूर्ण सहयोग दिया जिनमे सराय के ठाकुर सरदार
गजराज सिंह और राजेपुर के कुँवर गोपाल सिंह
तथा सिसिण्डा के ठाकुर जगदंबा सिंह प्रमुख थे। ये सारे
वीर ये जानते हुए
भी की उनकी सेना और
हथियार
बादशाही सेना के सामने कुछ
भी नहीं है अपने जीवन के
आखिरी समय तक शाही सेना से
लोहा लेते रहे। लम्बे समय
तक चले इन युद्धों में रामलला को मुक्त कराने के लिए
हजारों हिन्दू वीरों ने अपना बलिदान दिया और
अयोध्या की धरती पर उनका रक्त
बहता रहा।
ठाकुर गजराज सिंह और उनके साथी क्षत्रियों के
वंशज
आज भी सराय मे मौजूद हैं। आज
भी फैजाबाद जिले के आस पास के
सूर्यवंशीय क्षत्रिय
सिर पर
पगड़ी नहीं बांधते,जूता नहीं पहनते,
छता नहीं लगाते, उन्होने अपने पूर्वजों के सामने ये
प्रतिज्ञा ली थी की जब
तक श्री राम जन्मभूमि का उद्धार
नहीं कर लेंगे तब तक
जूता नहीं पहनेंगे,छाता नहीं लगाएंगे,
पगड़ी नहीं पहनेंगे। 1640
ईस्वी में औरंगजेब ने मन्दिर
को ध्वस्त करने के लिए जबांज खाँ के नेतृत्व में एक
जबरजस्त सेना भेज दी थी, बाबा वैष्णव
दास के साथ
साधुओं की एक सेना थी जो हर विद्या मे
निपुण थी इसे
चिमटाधारी साधुओं
की सेना भी कहते थे । जब
जन्मभूमि पर जबांज खाँ ने आक्रमण किया तो हिंदुओं के
साथ चिमटाधारी साधुओं
की सेना की सेना मिल
गयी और उर्वशी कुंड नामक जगह पर
जाबाज़
खाँ की सेना से सात दिनों तक भीषण युद्ध
किया ।
चिमटाधारी साधुओं के चिमटे के मार से
मुगलों की सेना भाग खड़ी हुई। इस
प्रकार चबूतरे पर
स्थित मंदिर की रक्षा हो गयी । जाबाज़
खाँ की पराजित सेना को देखकर औरंगजेब बहुत
क्रोधित
हुआ और उसने जाबाज़ खाँ को हटाकर एक अन्य
सिपहसालार सैय्यद हसन अली को 50 हजार
सैनिकों की सेना और तोपखाने के साथ
अयोध्या की ओर
भेजा और साथ मे ये आदेश
दिया की अबकी बार
जन्मभूमि को बर्बाद करके वापस आना है ,यह समय सन्
1680 का था । बाबा वैष्णव दास ने सिक्खों के
गुरु गुरुगोविंद सिंह से युद्ध मे सहयोग के लिए पत्र के
माध्यम संदेश भेजा । पत्र पाकर गुरु गुरुगोविंद सिंह
सेना समेत तत्काल अयोध्या आ गए और ब्रहमकुंड पर
अपना डेरा डाला । ब्रहमकुंड वही जगह
जहां आजकल
गुरुगोविंद सिंह की स्मृति मे
सिक्खों का गुरुद्वारा बना हुआ है। बाबा वैष्णव दास
एवं सिक्खों के गुरुगोविंद सिंह रामलला की रक्षा हेतु
एकसाथ रणभूमि में कूद पड़े ।इन वीरों कें सुनियोजित
हमलों से मुगलो की सेना के पाँव उखड़ गये सैय्यद
हसन
अली भी युद्ध मे मारा गया। औरंगजेब
हिंदुओं की इस
प्रतिक्रिया से स्तब्ध रह गया था और इस युद्ध के बाद
4 साल तक उसने अयोध्या पर हमला करने
की हिम्मत
नहीं की। औरंगजेब ने सन् 1664 मे
एक बार फिर
श्री राम जन्मभूमि पर आक्रमण किया । इस
भीषण हमले में शाही फौज ने लगभग
10 हजार से
ज्यादा हिंदुओं की हत्या कर
दी नागरिकों तक
को नहीं छोड़ा। जन्मभूमि हिन्दुओं के रक्त से लाल
हो गयी। जन्मभूमि के अंदर नवकोण के एक कंदर्प
कूप नाम
का कुआं था, सभी मारे गए हिंदुओं
की लाशें मुगलों ने उसमे
फेककर चारों ओर चहारदीवारी उठा कर
उसे घेर दिया।
आज भी कंदर्पकूप “गज शहीदा” के
नाम से प्रसिद्ध है,और
जन्मभूमि के पूर्वी द्वार पर स्थित है।
शाही सेना ने
जन्मभूमि का चबूतरा खोद डाला बहुत दिनो तक वह
चबूतरा गड्ढे के रूप मे वहाँ स्थित था । औरंगजेब के क्रूर
अत्याचारो की मारी हिन्दू जनता अब उस
गड्ढे पर
ही श्री रामनवमी के दिन
भक्तिभाव से अक्षत,पुष्प और
जल चढाती रहती थी. नबाब
सहादत अली के समय 1763
ईस्वी में जन्मभूमि के रक्षार्थ अमेठी के
राजा गुरुदत्त
सिंह और पिपरपुर के
राजकुमार सिंह के नेतृत्व मे बाबरी ढांचे पर पुनः पाँच
आक्रमण किये गये जिसमें हर बार हिन्दुओं
की लाशें
अयोध्या में गिरती रहीं। लखनऊ गजेटियर
मे कर्नल हंट
लिखता है की
“ लगातार हिंदुओं के हमले से ऊबकर नबाब ने हिंदुओं और
मुसलमानो को एक साथ नमाज पढ़ने और भजन करने
की इजाजत दे दी पर सच्चा मुसलमान
होने के नाते उसने
काफिरों को जमीन नहीं सौंपी।
“लखनऊ गजेटियर पृष्ठ
62” नासिरुद्दीन हैदर के समय मे
मकरही के राजा के
नेतृत्व में जन्मभूमि को पुनः अपने रूप मे लाने के लिए
हिंदुओं के तीन आक्रमण हुये जिसमें
बड़ी संख्या में हिन्दू
मारे गये। परन्तु तीसरे आक्रमण में डटकर
नबाबी सेना का सामना हुआ 8वें दिन हिंदुओं
की शक्ति क्षीण होने
लगी ,जन्मभूमि के मैदान मे हिन्दुओं
और मुसलमानो की लाशों का ढेर लग गया । इस संग्राम
मे भीती,हंसवर,,मकर
ही,खजुरहट,दीयरा
अमेठी के
राजा गुरुदत्त सिंह आदि सम्मलित थे। हारती हुई
हिन्दू
सेना के साथ वीर चिमटाधारी साधुओं
की सेना आ
मिली और इस युद्ध मे शाही सेना के
चिथड़े उड गये और उसे
रौंदते हुए हिंदुओं ने जन्मभूमि पर कब्जा कर लिया।
मगर हर बार की तरह कुछ दिनो के बाद विशाल
शाही सेना ने पुनः जन्मभूमि पर अधिकार कर
लिया और
हजारों हिन्दुओं को मार डाला गया। जन्मभूमि में
हिन्दुओं का रक्त प्रवाहित होने लगा। नावाब
वाजिदअली शाह के समय के समय मे पुनः हिंदुओं ने
जन्मभूमि के उद्धारार्थ आक्रमण किया । फैजाबाद
गजेटियर में कनिंघम ने लिखा
"इस संग्राम मे बहुत ही भयंकर खूनखराबा हुआ
।दो दिन
और रात होने वाले इस भयंकर युद्ध में सैकड़ों हिन्दुओं के
मारे जाने के बावजूद हिन्दुओं नें राम जन्मभूमि पर
कब्जा कर लिया। क्रुद्ध हिंदुओं की भीड़
ने कब्रें तोड़
फोड़ कर बर्बाद कर डाली मस्जिदों को मिसमार करने
लगे और पूरी ताकत से मुसलमानों को मार-मार कर
अयोध्या से खदेड़ना शुरू किया।मगर हिन्दू भीड़ ने
मुसलमान स्त्रियों और बच्चों को कोई
हानि नहीं पहुचाई।
अयोध्या मे प्रलय मचा हुआ था ।
इतिहासकार कनिंघम लिखता है की ये
अयोध्या का सबसे
बड़ा हिन्दू मुस्लिम बलवा था।
हिंदुओं ने अपना सपना पूरा किया और औरंगजेब
द्वारा विध्वंस किए गए चबूतरे को फिर वापस
बनाया । चबूतरे पर तीन फीट
ऊँची खस की टाट से एक
छोटा सा मंदिर बनवा लिया ॥जिसमे
पुनः रामलला की स्थापना की गयी।
कुछ
जेहादी मुल्लाओं को ये बात स्वीकार
नहीं हुई और
कालांतर में जन्मभूमि फिर हिन्दुओं के हाथों से निकल
गयी। सन 1857 की क्रांति मे बहादुर
शाह जफर के समय
में बाबा रामचरण दास ने एक मौलवी आमिर
अली के साथ
जन्मभूमि के उद्धार का प्रयास किया पर 18 मार्च सन
1858 को कुबेर टीला स्थित एक
इमली के पेड़ मे
दोनों को एक साथ अंग्रेज़ो ने फांसी पर लटका दिया ।
जब अंग्रेज़ो ने ये देखा कि ये पेड़ भी देशभक्तों एवं
रामभक्तों के लिए एक स्मारक के रूप मे विकसित
हो रहा है तब उन्होने इस पेड़ को कटवा कर इस
आखिरी निशानी को भी मिटा दिया...
इस प्रकार अंग्रेज़ो की कुटिल नीति के
कारण
रामजन्मभूमि के उद्धार का यह एकमात्र प्रयास विफल
हो गया ... अन्तिम बलिदान ...
३० अक्टूबर १९९० को हजारों रामभक्तों ने वोट-बैंक के
लालची मुलायम सिंह यादव के
द्वारा खड़ी की गईं अनेकहल
बाधाओं को पार कर अयोध्या में प्रवेश किया और
विवादित ढांचे के ऊपर भगवा ध्वज फहरा दिया। लेकिन
२ नवम्बर १९९० को मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव
ने
कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया, जिसमें
सैकड़ों रामभक्तों ने अपने जीवन
की आहुतियां दीं।
सरकार ने
मृतकों की असली संख्या छिपायी परन्तु
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सरयू तट
रामभक्तों की लाशों से पट गया था। ४ अप्रैल १९९१
को कारसेवकों के हत्यारे, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन
मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने
इस्तीफा दिया।
लाखों राम भक्त ६ दिसम्बर को कारसेवा हेतु
अयोध्या पहुंचे और राम जन्मस्थान पर बाबर के
सेनापति द्वार बनाए गए अपमान के प्रतीक
मस्जिदनुमा ढांचे को ध्वस्त कर दिया। परन्तु हिन्दू
समाज के अन्दर व्याप्त घोर संगठनहीनता एवं
नपुंसकता के कारण आज भी हिन्दुओं के सबसे बड़े
आराध्य
भगवान श्रीराम एक फटे हुए तम्बू में विराजमान हैं।
जिस जन्मभूमि के उद्धार के लिए हमारे पूर्वजों ने
अपना रक्त पानी की तरह बहाया। आज
वही हिन्दू
बेशर्मी से इसे "एक विवादित स्थल" कहता है।
सदियों से हिन्दुओं के साथ रहने वाले मुसलमानों ने आज
भी जन्मभूमि पर
अपना दावा नहीं छोड़ा है।
वो यहाँ किसी भी हाल में मन्दिर
नहीं बनने देना चाहते
हैं ताकि हिन्दू हमेशा कुढ़ता रहे और उन्हें
नीचा दिखाया जा सके।
जिस कौम ने अपने
ही भाईयों की भावना को नहीं समझा वो सोचते
हैं
हिन्दू उनकी भावनाओं को समझे। आज तक
किसी भी मुस्लिम संगठन ने जन्मभूमि के
उद्धार के लिए
आवाज नहीं उठायी, प्रदर्शन
नहीं किया और सरकार
पर दबाव नहीं बनाया आज भी वे
बाबरी-विध्वंस
की तारीख 6 दिसम्बर को काला दिन मानते
हैं। और

माँ जैसा कोई नही

एक गरीब परिवार में एक सुन्दर सी बेटी👰 ने जन्म लिया..

बाप दुखी हो गया बेटा पैदा होता तो कम से कम काम में तो हाथ बटाता,,
        उसने बेटी को पाला जरूर,
 मगर दिल से नही....

वो पढने जाती थी तो ना ही स्कूल की फीस टाइम से जमा करता,
 और ना ही कापी किताबों पर ध्यान देता था...
अक्सर दारू पी कर घर में कोहराम मचाता था........

उस लडकी की मॉ बहुत अच्छी व बहुत भोली भाली थी वो अपनी बेटी को बडे लाड प्यार से रखती थी..
वो पति से छुपा-छुपा कर बेटी की फीस जमा करती
और कापी किताबों का खर्चा देती थी..
अपना पेट काटकर फटे पुराने कपडे पहन कर गुजारा कर लेती थी,
 मगर बेटी का पूरा खयाल रखती थी...

पति अक्सर घर से कई कई दिनों के लिये गायब हो जाता था.

जितना कमाता था दारू मे ही फूक देता था...

वक्त का पहिया घूमता गया
"
"
"
"
बेटी धीरे-धीरे समझदार हो गयी..
दसवीं क्लास में उसका एडमीसन होना था.
मॉ के पास इतने पैसै ना थे जो बेटी का स्कूल में दाखिला करा पाती..
बेटी डरडराते हुये पापा से बोली:
पापा मैं पढना चाहती हूं मेरा हाईस्कूल में एडमीसन करा दीजिए मम्मी के पास पैसै नही है...
बेटी की बात सुनते ही बाप आग वबूला हो गया और चिल्लाने लगा बोला: तू कितनी भी पड लिख जाये तुझे तो चौका चूल्हा ही सम्भालना है क्या करेगी तू ज्यादा पड लिख कर..

उस दिन उसने घर में आतंक मचाया व सबको मारा पीटा

बाप का व्यहार देखकर बेटी ने मन ही मन में सोच लिया कि अब वो आगे की पढाई नही करेगी....
एक दिन उसकी मॉ बाजार गयी

बेटी ने पूछा:मॉ कहॉ गयी थी
मॉ ने उसकी बात को अनसुना करते हुये कहा :
बेटी कल मै तेरा स्कूल में दाखिला कराउगी
बेटी ने कहा: नही़ं मॉ मै अब नही पडूगी मेरी वजह से तुम्हे कितनी परेशानी उठानी पडती है पापा भी तुमको मारते पीटते हैं कहते कहते रोने लगी..
मॉ ने उसे सीने से लगाते हुये कहा: बेटी मै बाजार से कुछ रुपये लेकर आयी हूं मै कराउगी तेरा दखिला..
बेटी ने मॉ की ओर देखते हुये पूछा: मॉ तुम इतने पैसै कहॉसे लायी हो??
मॉ ने उसकी बात को फिर अनसुना कर दिया...

वक्त वीतता गया
"
"
"
"मॉ ने जी तोड मेहनत करके बेटी को पढाया लिखाया
बेटी ने भी मॉ की मेहनत को देखते हुये मन लगा कर दिन रात पढाई की
 और आगे बडती चली गयी.......
""""
"""""""
""""""""""
इधर बाप दारू पी पी कर बीमार पड गया
डाक्टर के पास ले गये
डाक्टर ने कहा इनको टी.बी. है
"""
"""""
एक दिन तबियत ज्यादा गम्भीर होने पर बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया..
दो दिन बाद उस जबे होश आया तो डाक्टरनी का चेहरा देखकर उसके होश उड गये😳😳


वो डाक्टरनी कोई और नही वल्कि उसकी

अपनी बेटी थी..

शर्म से पानी पानी बाप
कपडे से अपना चेहरा छुपाने लगा
और रोने लगा हाथ जोडकर बोला: बेटी मुझे माफ करना मैं तुझे समझ ना सका...

दोस्तों बेटी 💎आखिर बेटी होती है
,,,,,,,,
बाप को रोते 😥देखकर बेटी ने बाप को गले लगा लिया..

""""""
दोस्तों गरीबी और अमीरी से कोई फर्क नहीं पडता,,
अगर इन्सान का इरादा हो तो आसमान में भी छेद हो सकता है

किसी ने खूब कहा //

"कौन कहता है कि आसमान मे छेद नही हो सकता,,
              अरे एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों"

"""

एक दिन बेटी माँ से बोली: माँ तुमने मुझे आजतक नहीं बताया कि मेरे हाईस्कूल के एडमीसन के लिये पैसै कहाँ से लायी थी??

बेटी के बार बार पूछने पर
 माँ ने जो बात बतायी
 उसे सुनकर
बेटी की रूह काँप गयी....

माँ ने अपने शरीर का खून बेच कर बेटी का एडमीसन कराया था....

दोस्तों तभी तो मॉ को भगवान का दर्जा दिया गया है
माँ जितना औलाद के लिये त्याग कर सकती है
उतना दुनियाँ में कोई और नही..

दो पंक्तियाँ माँ के लिये::::
गोदी में मुझको सुलाया है माँ ने,,
बडे प्यार से अपनी मीठी जुवॉ से,
बेटा कह कर बुलाया है माँ ने,,
मुझको लेके अपनी नरम बाजुओं मे,
मोहब्बत का झूला झुलाया है माँ ने,,
सभी जख्म अपने सीने पे लेके,
हर चोट से बचाया है माँ ने,,
कभी मेरे माथे पे काला टीका लगा के,
यूं बचपन में मुझको सजाया है माँ ने,,
यूं चेहरा दिखा के मुझे रोज अपना,
मुझे मेरे रव से मिलाया है माँ ने,,
ऐ इन्सॉ तू जो इतना इतरा के चलता है,
काबिल तुझे इसके बनाया है माँ ने,,

///////
🇮🇳जिंदगी में जादू बहुत देखे....

पर विश्वास बीमार होने पर माँ के नजर उतारने वाले जादु पर सबसे ज्यादा हुआ..☝
😊💘😊🙏🙏🙏🙏

रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने वाले लड़के
की नजरें अचानक
एक बुजुर्ग दंपति पर पड़ी।
उसने देखा कि वो बुजुर्ग
पति अपनी पत्नी का हाथ पकड़कर
उसे सहारा देते हुए चल रहा था ।
.
थोड़ी दूर जाकर वो दंपति एक खाली जगह
देखकर बैठ गए ।
कपड़ो के पहनावे से वो गरीब ही लग रहे
थे ।
.
तभी ट्रेन के आने के संकेत हुए और
वो चाय वाला अपने
काम में लग गया।
शाम में जब वो चाय वाला वापिस स्टेशन
पर आया तो देखाकि
वो बुजुर्ग
दंपति अभी भी उसी जगह बैठे
हुए है ।
.
वो उन्हें देखकर कुछ सोच में पड़ गया ।
देर रात तक जब चाय वाले ने उन बुजुर्ग
दंपति को उसी जगह पर
देखा तो वो उनके पास गया और उनसे पूछने
लगा: बाबा आप
सुबह से यहाँ क्या कर रहे है ?
आपको जाना कहाँ है ?
.
बुजुर्ग पति ने अपना जेब से कागज का एक
टुकड़ा निकालकर
चाय वाले को दिया और कहा: बेटा हम
दोनों में से किसी को
पढ़ना नहीं आता,इस कागज में मेरे बड़े
बेटे का पता लिखा
हुआ है ।मेरे छोटे बेटे ने कहा था कि अगर
भैया आपको लेने
ना आ पाये तो किसी को भी ये
पता बता देना,
आपको सही
जगह पहुँचा देगा ।
.
चाय वाले ने उत्सुकतावश जब वो कागज
खोला तो उसके होश
उड़ गये । उसकी आँखों से एकाएक आंसूओं
की धारा बहने लगी ।
.
उस कागज में लिखा था कि.........
"कृपया इन दोनों को आपके शहर के
किसी वृध्दाश्रम में
भर्ती करा दीजिए, बहुत बहुत
मेहरबानी होगी..."

दोस्तों ! धिक्कार है ऐसी संतान पर, इसके
बजाय तो बाँझ
रह जाना अच्छा होता है !


खुदा की मोहब्बत को फना कौन करेगा?🎵
🎵सभी बंदे नेक तो गुनाह कौन करेगा?🎵

🎵"ए खुदा मेरे इन दोस्तो को सलामत रखना...वरना मेरी सलामती की दुआ कौन करेगा ?🎵

🎵और रखना मेरे दुश्मनो को भी मेहफूस ...
वरना मेरी तेरे पास आने की दुआ कौन करेगा ?"🎵

🎵खुदा ने मुझसे कहा
"इतने दोस्त ना बना, तू धोखा खा जायेगा"🎵

🎵मैने कहा "ए खुदा , तू ये मेसेज पढनेवालो से मिल तो सही ,🎵
🎵तू भी धोखे से दोस्त बन जायेगा ."🎵🎵
✳ कदम रुक गए जब पहुंचे हम रिश्तों के बाज़ार में...

✳ बिक रहे थे रिश्ते खुले आम व्यापार में..

✳ कांपते होठों से मैंने पुछा,
"क्या भाव है भाई इन रिश्तों का?"

✳ दूकानदार बोला:

✳ "कौनसा लोगे..?

✳ बेटे का ..या बाप का..?

✳ बहिन का..या भाई का..?

✳ बोलो कौनसा चाहिए..?

✳ इंसानियत का.या प्रेम का..?

✳ माँ का..या विश्वास का..?

✳ बाबूजी कुछ तो बोलो कौनसा चाहिए.चुपचाप खड़े हो कुछ बोलो तो सही...

✳ मैंने डर कर पुछ लिया दोस्त का..?

✳ दुकानदार नम आँखों से बोला:

✳ "संसार इसी रिश्ते पर ही तो टिका है ..,माफ़ करना बाबूजी ये रिश्ता बिकाऊ नहीं है..
इसका कोई मोल नहीं लगा पाओगे,

✳ और जिस दिन ये बिक जायेगा... उस दिन ये संसार उजड़ जायेगा..."

✌सभी मित्रों को समर्पित.😘.
💖💖💖💖💖💖💖💖💖
🌹💝
💛💙💜💚❤💛💙💜💚

🔆वाह रे जमाने तेरी हद हो गई,
    बीबी के आगे मदर रद्द हो गई !

♻बड़ी मेहनत से जिसने पाला,
    आज वो मोहताज हो गई !
♻और कल की छोकरी, तेरे
    सर का ताज हो गई !
♻बीवी हमदर्द और मॉं सरदर्द
     हो गई !

    🔆वाह रे जमाने तेरी हद .........
♻पेट पे सुलाने वाली, पैरों में सो
       रही है !
♻बीवी के लिए लिम्का,
      मॉं पानी को रो रही है !
♻सुनता नहीं कोई, वो आवाज
     देते देते सो गई !

    🔆वाह रे जमाने तेरी हद .........
♻मॉं मांजती है बर्तन , वो सजती
       संवरती है !
♻अभी निपटी ना बुढ़िया तू ,
       इस लीये उस पर बरसती है !
♻अरे दुनिया को आई मौत,
       मौत तेरी कहॉ गुम हो गई !
       
   🔆वाह रे जमाने तेरी हद ..........
♻अरे जिसकी कोख में पला,
     अब उसकी छाया बुरी लगती है,

♻बैठे होण्डा पे महबूबा,
     कन्धे पर हाथ जो रखती,
♻वो यादें अतीत की,
       वो मोहब्बतें मॉ की,
                 सब रद्द हो गई !
 🔆 वाह रे जमाने तेरी हद ...........

♻बेबस हुई मॉ अब,
      दिए टुकड़ो पर पलती है,
♻अतीत को याद कर,
     तेरा प्यार पाने को मचलती है !
♻अरे मुसीबत जिसने उठाई,
       वो खुद मुसीबत हो गई !

 🔆 वाह रे जमाने तेरी हद .......
♻🌿♻🌿♻🌿♻🌿♻🌿.





R

real hero bhagat Singh

जब भगत सिंह अपने आखिरीक्षणों मे जेल मे थेतो उनकी माँ बिद्यावाती उनसेमिलने गई तो भगतसिंह नेअपनी माँ से पूछा...माँ जब तेरा लाल मौत की गोदी में सो जाएगातब तुम रोओगी तो नहीअपना ऑचल ऑसुओ से भिगोओगी तो नहीतब भगतसिंह की माँ ने कहाँ..देशभक्तों की जननियाँ तोअपने रक्त से गुलामी के दाग धोती है...और राष्ट्रहित पुत्र के बलिदान परसिंहों की माँ नही सियारों की माँ रोती है...और मै तो सिंहो के सिंह की माँ हूँ ...बब्बरसिंह भगतसिंह की माँ हूँ...मै तेरी शहादत पे रोउगी नही ...खुशी से वारी जाऊगी...तू आजादी की दुल्हन लेने जा ...मै शगुन के लड्डू बटवाऊगी...जा बेटे जा ले आ स्वातंत्रता का डोला...मैने अपने हाथों से तेरा रंगा बसंती चोला....जनम जनम के पुण्यों का जब फल देता है बिधाता...तब जाके कोई नारी होती शहीद की माता....और बात आखिरी सुन ले मेरे जिगर के टुकडे....हसते हसते फाँसी चढना मेरे प्यारे पुतडे....और मरते दम तक तन मन तेरा जीवन देश पे मचले....और वन्देमातरम् हो होठों पर जब प्राण तुम्हारे निकले.....वन्देमातरम

Thursday, 23 April 2015

nice line

: लोहे की एक छड़ का मूल्य होता है 250 रूपये.
इससे घोड़े की नाल बना दी जाये
तो इसका मूल्य हो जाता है 1000 रूपये.
इससे सुईयां बना दी जायें तो इसका मूल्य हो जाता है 10,000 रूपये.

इससे घड़ियों के बैलेंस स्प्रिंग बना दिए जायें तो इसका मूल्य हो जाता है 1,00,000 रूपये... --

"आपका अपना मूल्य-- इससे निर्धारित नहीं होता कि आप क्या है बल्कि इससे निर्धारित होता है कि आप में खुद को क्या बनाने की क्षमता है"!!!!
इतने छोटे बनिए कि
हर कोई आपके साथ बैठे,
..ओर इतने बड़े बनिए कि
आप खड़े हो तो कोई बैठा न रहे..!!

कभी कभी
आप अपनी जिंदगी से
निराश हो जाते हैं,
जबकि
दुनिया में उसी समय
कुछ लोग
आपकी जैसी जिंदगी
जीने का सपना देख रहे होते हैं।


घर पर खेत में खड़ा बच्चा
आकाश में उड़ते हवाई जहाज
को देखकर
उड़ने का सपना देख रहा होता है,
परंतु
उसी समय
उसी हवाई जहाज का पायलट
खेत ओर बच्चे को देख
घर लौटने का सपना
देख रहा होता है।

यही जिंदगी है।
जो तुम्हारे पास है उसका मजा लो।


अगर धन-दौलत रूपया पैसा ही
खुशहाल होने का सीक्रेट होता,
तो अमीर लोग नाचते दिखाई पड़ते,
लेकिन सिर्फ गरीब बच्चे
ऐसा करते दिखाई देते हैं।


अगर पाॅवर (शक्ति) मिलने से
सुरक्षा आ जाती
तो
नेता अधिकारी
बिना सिक्युरिटी के नजर आते।
परन्तु
जो सामान्य जीवन जीते हैं,
वे चैन की नींद सोते हैं।


अगर खुबसुरती और प्रसिद्धि
मजबूत रिश्ते कायम कर सकती
तो
सेलीब्रिटीज् की शादियाँ
सबसे सफल होती।
जबकि इनके तलाक
सबसे सफल होते हैं


इसलिए दोस्तों,
यह जिंदगी ......

सभी के लिए खुबसुरत है
इसको जी भरकर जीयों,
इसका भरपूर लुत्फ़ उठाओ
क्योंकि
जिदंगी ना मिलेगी दोबारा...


सामान्य जीवन जियें...
विनम्रता से चलें ...
और
ईमानदारी पूर्वक प्यार करें...

स्वर्ग यहीं हैं...💐💐💐💐💐💐


स्वर्ग में सब कुछ है लेकिन मौत नहीं है,
गीता में सब कुछ है लेकिन झूठ नहीं है,
दुनिया में सब कुछ है लेकिन किसी को सुकून नहीं है,
और
आज के इंसान में सब कुछ है लेकिन सब्र नहीं ‬ Kisi ne kya khoob kaha hai :

ना खुशी खरीद पाता हू ना ही गम बेच पाता हू फिर भी मै ना जाने क्यु हर रोज कमाने जाता हू.... 🚶
           
..🙏 एक बन्दे ने पूछा क्या है "जिन्दगी"
खूबसूरत क्यो हे? जवाब मिला!!
ना सुख, ना दुख, ना गम, ना खुशी जिन्दगी
अपने-अपने कर्मों का हिसाब है जिन्दगी
🙏🙏
: ख़ुशियाँ कम और अरमान बहुत है,
जिसे भी देखिये यहाँ हैरान बहुत है ।।

क़रीब से देखा तो है रेत का घर,
दूर से मगर उसकी शान बहुत है ।।

कहते है सच का कोई सानी नहीं,
आज तो झूठ की आन बान बहुत है ।।

मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यूँ तो कहने को इंसान बहुत है ।।

वक़्त पे ना पहचाने ये अलग बात,
वैसे तो शहर में अपनी पहचान बहुत है ।।
""
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
अंधे को मंदिर आया देख
 लोग हँसकर बोले -
"मंदिर में दर्शन के लिए आए तो हो,
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸💐💐💐💐💐💐💐
पर क्या भगवान को देख पाओगे?"
अन्धे ने बहुत ही खूबसूरत जवाब दिया दोस्तों
मेरे पास आँख नहीं हे तो में अपने भगवान् को नहीं देख पायुंगा पर आप लोग तो दो दो आँख होते हुए भी अभी तक भगवान् को नहीं देख पाये हो
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
 और अंधे ने कहा -"क्या फर्क पडता है, में देख पायु या नहीं पर
मेरा भगवान तो
मुझे देख लेगा."
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
[ कर लेते है हौसला बुलन्द
जिन्हे चाह होती है कुछ कर जाने की।
वो क्या करेगें सामना तुफानो का
जिन्हे चाह होती है घर की रोटी खाने की।




🙏चोर उच्चकों को शाबाशियां मिलती हैं
भलेमानस को आज गालियां मिलती हैं ।
खुद तो वो कुछ भी काम करेंगे नही पर
औरों के काम में उनको खामियां मिलती हैं।...

🌹🌹🙏




 मै जब भी पार्क मे सुबह जागिंग के लिए जाता तो एक अंकल आंटी
को पार्क के कोने वाले बैंच पर गुमसुम बैठा देखता...
शुरू शुरू मे तो मेरा ध्यान उनकी तरफ नही गया लेकिन जब भी मै
उनके करीब से दौड़ते हुए गुजरता तो महसूस करता कि वो मुझसे कुछ
कहना चाहती हैं...
आखिरकार जागिंग करने के बाद एक दिन मै उनके पास बैंच पर जा
बैठा परिचय के बाद पता चला कि उनका एक बेटा है जो कि दूसरे
शहर मे रहता है और खर्चा पानी भेजता रहता है अंकल भी सरकारी
नौकरी से रिटायर है उनकी भी पेंशन आती है गुजर बसर अच्छे से हो
जाता है...
जब मै उठकर चलने लगा तो आंटी बोली--बेटा, मेरा एक काम कर
दोगे..?
मैने कहा हाँ हाँ क्यों नही..
आंटी बोली--बेटा फोन तो तेरे अंकल ने ला दिया लेकिन हमें फेसबुक
अपलोड करना नही आता तुम कर दो ना प्लीज...और हाँ एक सुन्दर
सी किसी हिरोइन की तस्वीर भी डाल देना जिसको आजकल के लडके
ज्यादा पसंद करते है।
मै अचरज मे पड़ गया आंटी कैसी कैसी बातें कर रही है आखिर करना
क्या चाहती है खैर मैने फेसबुक अपलोड कर श्रद्धा कपूर की फोटो
अपलोड कर दी नाम के लिए पूछा तो आंटी बोली कोई भी प्यारा सा
नाम जो आजकल के लड़कों को अच्छा लगता हो खैर वो भी मैने
सृष्टि नाम डाल दिया उस आंटी ने मेरा धन्यवाद किया और उठकर
चलने लगी...
तो मुझसे रहा नही गया मैने पूछा-- आंटी, अगर बुरा ना मानो तो मै
आपसे एक बात पूछूं..?
आंटी बोली--पूछो बेटा बुरा मानने वाली तो कोई बात ही नही..
मैने झिझकते हुए पूछा--आंटी आपने जो तस्वीर व नाम अपलोड
करवाया है उसका आप क्या करोगी...?
आंटी बोली--बेटा पैसे तो बेटा हर महीने भेज देता है लेकिन बेटा बहू
और पोते पोती को देखे कई कई महीने बीत जाते हैं सुना है फेसबुक
पर परिवार की फोटो बीवी बच्चो की फोटो लोग डालते रहते है अब
हम लोगों की फ्रैण्ड रिक्वैस्ट तो वो स्वीकार करेगा नही...इसलिए
तुमसे वो फोटो और नाम दूसरा डलवाया ताकि हम कम से कम उसके
मां बाप बनकर ना सही मित्र बनकर ही सही उसको व उसके बीवी
बच्चो को बड़ा होते देख सकें.....
उसके आगे जो भी उस आंटी ने कहा मै सुन नही पाया क्योंकि दिमाग
ने सोचना बन्द कर दिया था बस मै उन अंकल आंटी को एक नई
उम्मीद के कदमों से घर लौटते हुए देख रहा था.....
और एक सबक मैने भी घर लौटते वक्त आज खुद को दिया कि दुनिया
के टच मे रहने से पहले उनके टच मे रहना ज्यादा जरूरी है जिन्होने
हमे जन्म दिया है.......
 हम जन्मे नहीं हे हमें जन्म दिया गया है
  थैंक्स यु। "टीटु द ग्रेट" यार

इसे भी जाने

आप सबसे निवेदन है की
चुटकले भेजने की बजाय यह
सन्देश सबको भेजे ताकि लोग
जान सके । 💐महान हस्तियों का जन्म💐
Jan...
 12-1-1863 स्वामी विवेकानंद
28-1-1865 लाला लजपतराय
1-1-1894 जगदीश चंद्र बोंज
23-1-1897 सुभाष चंद्र बोंज
13-1-1949 राकेश शर्मा
20-1-1900 जनरल के.ऍम. करिअप्पा
------------------------------------------
Feb...

18-2-1486 महाप्रभु चेतन्य
18-2-1836 रामकुष्ण परमहंस
22-2-1873 मोहम्मद इकबाल
13-2-1879 सरोजिनी नायडु
29-2-1896 मोरारजी देसाइ
------------------------------------------
March...

23-3-1910 डॉ. राममनोहर लोहिया
------------------------------------------
April...

15-4-1469 गुरु नानक देवजी
14-4-1563 गुरु अर्जुन देवजी
14-4-1891 डॉ.भीमराव आंबेडकर
------------------------------------------
May...

5-5-1479 गुरु अमरदास
31-5-1539 महाराणा प्रताप
6-5-1861 मोतीलाल नेहरु
7-5-1861 रविन्द्रनाथ टेगोर
9-5-1866 गोपालकृष्ण गोखले
24-5-1907 महादेवी वर्मा
2-5-1921 सत्यजित राय
------------------------------------------
Jun...

26-6-1838 बंकिमचंद्र चट्टो पाध्याय
------------------------------------------
July...

23-7-1856 लोकमान्य तिलक
31-7-1880 प्रेमचंद मुनशी
29-7-1904 जे. आर. डी. टाटा
------------------------------------------
Aug...

27-8-1910 मधर टेरेसा
29-8-1905 ध्यानचंद
------------------------------------------
Sept...

26-9-1820 ईश्वरचंद्र विद्यासागर
4-9-1825 दादाभाई नवरोजी
10-9-1887 गोविंद वल्लभ पंत
5-9-1888 डॉ. राधाकृष्ण
11-9-1895 विनोबा भावे
27-9-1907 भगतसिंह
15-9-1861 ऍम.विश्वसरेइया
15-9-1876 शरदचंद्र चटोपाध्याय
------------------------------------------
Oct...

1-10-1847 डॉ. ऐनी.बेसन्ट
2-10-1869 महात्मा गांधीजी
22-10-1873 स्वामी रामतीर्थ
31-10-1875 सरदार वल्लभभाई पटेल
31-10-1889 आचार्य नरेन्द्रदवे
11-10-1902 जयप्रकाश नारायण
30-10-1909 डॉ. होमी भाभा
19-10-1920 पांडुरंग शास्त्रीजी
आठवले पु. दादा
------------------------------------------
Nove...

13-11-1780 महाराणा रणजीतसिंह
4-11-1845 वासुदेव बळवंत फडके
7-11-1858 बिपिनचंद्र पाल
30-11-1858 जगदीशचंद्र बोज
5-11-1870 देशबंधु चितरंजनदास
11-11-1888 मौलाना आज़ाद
4-11-1889 जमनालाल बजाज
19-11-1917 श्रीमती इंदिरागांधी
23-11-1926 श्री सत्यसाई बाबा
4-11-1939 शकुंतलादेवी
12-11-1896 सलीमअली
------------------------------------------
Des...

9-12-1484 महाकवि सूरदास
25-12-1861 मदनमोहन मालविया
27-12-1869 ठक्कर बापा
7-12-1879 चक्रवर्ती राजगोपालचारी
3-12-1884 डॉ. राजेन्द्रप्रसाद
30-12-1887 कनैयालालमुनशी
11-12-1931 राजेन्द्रकुमार जेन ओसो रजनीश
22-12-1887 रामानुजम

🌷 भारत के प्रमुख पदाधिकारी 🌷

📍📍📍📍📍📍📍📍📍

💕 * राष्ट्रपति
🚥 श्री प्रणब मुखर्जी

💕 * उप राष्ट्रपति
🚥 श्री हामिद अंसारी

💕 * प्रधान मंत्री
🚥 श्री नरेंदर मोदी

💕 * लोकसभा अध्यक्ष
🚥 श्रीमती सुमित्रा महाजन

💕 * सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश
🚥 श्री एच एल दत्तू

💕 * राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष
🚥 श्री के. जी.बाल क्रष्णन

💕 * राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष
🚥 श्रीमती कुमारमंगलम्

💕 * मुख्य चुनाव आयुक्त
🚥 श्री एच एस ब्रम्हा

💕 * अटार्नी जनरल
🚥 श्री मुकुल रोहतगी

💕 * सोलिसिटर जनरल
🚥 श्री रनजीत कुमार

💕 * राष्ट्रीय विधि आयोग के अध्यक्ष
🚥 श्री ए पी शाह

💕 * राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
🚥 श्री अजीत कुमार डोवल



📍〽📍〽📍〽📍〽📍〽📍〽📍〽📍〽📍〽
भारत के सभी राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्री
**********************************************
राज्य ---- मुख्यमंत्री
तेलंगाना ----- के चंद्रशेखर राव
आन्ध्र प्रदेश ---- चन्द्रबाबू नायडू
अरुणाचल प्रदेश ---- नबम तुकी
असम ---- तरुण गोगोई
बिहार ........नितिश कुमार
छत्तीसढ ---- रमन सिंह
दिल्ली ------ अरविंद केजरीवाल
गोआ ----- लक्ष्मीकांत परेस्कर
गुजरात ----- आनंदीबेन पटेल
हरियाणा ----- मनोहर लाल खट्टर
हिमाचल प्रदेश ----- वीरभद्र सिंह
जम्मू और कश्मीर ----- मुफ्ती मुहम्मद
झारखण्ड ---- रघुवर दास
कर्नाटक ----- सिद्धारैया
केरल ------ ओमान चांडी
मध्य प्रदेश ------ शिवराज सिंह चौहान
महाराष्ट्र ----- देवेन्द्र फड़नवीस
मणिपुर ----- ओकराम इबोई सिंह
मेघालय ----- मुकुल संगमा
मिज़ोरम पु ----- ललथानवाला
नागालैण्ड ----- टी आर जेलियांग
ओडिशा ----- नवीन पटनायक
पॉण्डिचेरी ---- एन. रंगास्वामी
पंजाब ---- प्रकाश सिंह बादल
राजस्थान ---- वसुंधरा राजे सिंधिया
सिक्किम ---- पवन कुमार चामलिंग
तमिलनाडु ----ओ. पनीरसेल्वमn



त्रिपुरा ------ माणिक सरकार
उत्तराखण्ड ------ हरीश रावत
उत्तर प्रदेश ------ अखिलेश यादव
पश्चिम बंगाल ------ ममता बनर्जी
:::::: 🔴पंचायती राज🔴:::::::


🔴 संविधान के किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है—👉 भाग-9

🔴पंचायती राज व्यवस्था किस पर आधारित है—👉 सत्ता के विकेंद्रीकरण पर

🔴 पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य क्या है— 👉जनता को प्रशासन में भागीदारी योग्य बनाना

🔴किसके अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है— 👉नीति-निर्देशक सिद्धांत

🔴 संविधान के किस संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है— 👉75वें संशोधन

🔴75वें संशोधन में कौन-सी अनुसूची जोड़ी गई हैं— 👉11वीं

🔴पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन हेतु कौन उत्तरदायी है— 👉राज्य निर्वाचन आयोग

🔴 भारत में पंचायती राज अधिनियम कब लागू हुआ— 👉25 अप्रैल, 1993

🔴सर्वप्रथम पंचायती राज व्यवस्था कहाँ लागू की गई— 👉नागौर, राजस्थान में

🔴 राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था कहाँ लागू की गई— 👉1959 को

🔴देश के सामाजिक व सांस्कृतिक उत्स्थान के लिए कौन-सा कार्यक्रम चलाया गया—👉 सामुदायिक विकास कार्यक्रम

🔴 भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम कब आरंभ हुआ— 👉2 अक्टूबर, 1952

🔴 किसकी सिफारिश पर भारत में पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना की गई 👉बलवंत राय मेहता समिति

🔴पंचायती राज की सबसे छोटी इकाई क्या है— 👉ग्राम पंचायत

🔴 बलवंत राय समिति के प्रतिवेदन के अनुसार महत्वपूर्ण संस्था कौन-सी है— 👉पंचायत समिति

🔴 पंचायती राज संस्थाओं के संगठन के दो स्तर होने का सुझाव किसने दिया था— 👉अशोक मेहता समिति

🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
 🌸🌷🍀🌸🌷🍀🌸🌷🍀🌷

         🌹नदियों के किनारों पर बसे
                विश्व के प्रमुख नगर🌹

🌸🌷🍀🌸🌷🍀🌸🌷🍀🌷

🍭 नगर 👉 नदी
 〰🔸〰🔸〰
🍭 मास्को 👉 मोस्कवा नदी
🍭 कोलम्बो 👉 केलानी नदी
🍭 बगदाद 👉 टिगरिस नदी
🍭नई दिल्ली 👉 य मुनानदी
🍭बेलग्रेड 👉 डेन्यूब नदी
🍭आगरा 👉 यमुनानदी
🍭 बर्लिन 👉 स्ट्री नदी
🍭 हरिद्वार 👉 गंगा नदी
🍭 बुडापेस्ट 👉 डेन्यूब नदी
🍭 कानपुर 👉 गंगानदी
🍭 काहिरा 👉 नील नदी
🍭 नासिक 👉 गोदावरी नदी
🍭 करांची 👉 सिन्धु नदी
🍭 उज्जैन 👉 क्षिप्रा नदी
🍭 लन्दन 👉 टेम्स नदी
🍭 श्रीनगर 👉 झेलमनदी
🍭 लाहौर 👉 रावी नदी
🍭 इलाहाबाद 👉 गंगा-यमुना
🍭 न्यूयार्क 👉 हडसन नदी
🍭 अहमदाबाद 👉 साबरमती
🍭 पेरिस 👉 सीन नदी
🍭 कोलकात्ता 👉 हुगली
🍭 रोम 👉 टाईबर नदी
🍭 गुवाहाटी 👉 ब्रह्मपुत्र
🍭 शंघाई 👉 यांगटिसिक्यांग
🍭 जबलपुर 👉 नर्मदा
🍭टोकियो 👉 सुमीदा नदी
🍭 सूरत 👉 ताप्ती
🍭 विएना 👉 डेन्यूब नदी
🍭 हैदराबाद 👉 मूसी
🍭 वारसा 👉 विस्तुला नदी
🍭 लखनऊ 👉 गोमती
🍭 वाशिंगटन 👉 पोटोमेक नदी ।

कुछ रोचक जानकारी

कुछ रोचक जानकारियाँ

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1.गधे की आंखों की स्थिति कुछ ऐसी होती है कि वह अपने चारों पैरों को एक साथ देख सकता है।

📖 📖 📖

2.ऊंट की आंख में तीन पलकें होतीं हैं जो उन्हें रेगिस्तान में उड़ने वाली रेत से बचाती है।
📖 📖 📖

3. मनुष्य के शरीर में हर सेकेण्ड 15 मिलियन लाल रक्त कणिकाएं पैदा होतीं हैं और मरती हैं।

📖 📖 📖

4. विश्व में कुल 2792 भाषाएँ
 बोली जाती है।

📖 📖 📖

5. विश्व में स्पेन ऐसा देश है
 जहां कपड़ो पर अख़बार छपता है।
📖 📖 📖

6. जिराफ की जीभ इतनी लंबी होती है कि वह अपने कान साफ़ कर सकता है।

📖 📖 📖

7. विश्व का पहला रिवोल्वर कोल्ट
(अमेरिका) ने 1835 में बनाया था।

📖 📖 📖

8. एक्वेस्टक ऐसा पदार्थ है जो आग
 में नहीं जलता।
📖 📖 📖

9. विश्व में बिजली का अविष्कार
1672 में वान गुएरिके ने किया था।

📖 📖 📖

10. विश्व का रूस ऐसा देश है जिसके एक भाग में शाम और एक भाग में दिन होता है
📖 📖 📖

11. चीन विश्व का ऐसा देश है
 जिसकी सीमा को तेरह देशो ने घेर रखा है।

📖 📖 📖

12.भारत में रंगीन टीवी का प्रसारण
1982 में शुरू हुआ था।

📖 📖 📖

13. सानमारिनो विश्व का ऐसा देश है
 जहां दो राष्ट्रपति होते है।

📖 📖 📖

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Forward जरूर करना ताकि और लोग भी पढ सके॥

अच्छे विचार

‬: बहुत अच्छे विचार
जरुर पढ़े
💟💟💟💟💟💟💟💟

नज़र और नसीब का
कुछ ऐसा इत्तफाक हैं
कि
नज़र को अक्सर वही
चीज़ पसंद आती हैं
जो नसीब में नहीं होती

और
नसीब में लिखी चीज़
अक्सर नज़र नहीं आती है
💟💟💟💟💟💟💟💟

मैंने एक दिन
भगवान से पूछा
आप मेरी दुआ
उसी वक्त
क्यों नहीं सुनते हो
जब मैं
आपसे मांगता हूँ

भगवान ने
मुस्कुरा कर के कहा
मैं तो आप के
गुनाहों की सजा भी
उस वक्त नहीं देता
जब आप करते हो
💟💟💟💟💟💟💟💟

किस्मत तो पहले ही
लिखी जा चुकी है
तो कोशिश करने से
क्या मिलेगा

क्या पता
किस्मत में लिखा हो
कि
कोशिश से ही मिलेगा
💟💟💟💟💟💟💟💟

ज़िन्दगी में
कुछ खोना पड़े
तो यह
दो लाइन याद रखना

जो खोया है
उसका ग़म नहीं

लेकिन

जो पाया है
वह किसी से कम नहीं

जो नहीं है
वह एक ख्वाब हैं

और

जो है
वह लाजवाब है
💟💟💟💟💟💟💟💟

इन्सान कहता है कि
पैसा आये तो
हम कुछ करके दिखाये

और
पैसा कहता हैं कि
आप कुछ करके दिखाओ
तो मैं आऊ
💟💟💟💟💟💟💟💟

बोलने से पहले
लफ्ज़ आदमी के
गुलाम होते हैं

लेकिन
बोलने के बाद इंसान
अपने लफ़्ज़ों का गुलाम
बन जाता हैँ
💟💟💟💟💟💟💟💟

ज्यादा बोझ लेकर
चलने वाले
अक्सर डूब जाते हैं

फिर चाहे वह
अभिमान का हो
या
सामान का 💟💟💟💟💟💟💟💟

जिन्दगी जख्मों
से भरी है
वक़्त को मरहम
बनाना सीख लो

हारना तो है
मौत के सामने
फ़िलहाल जिन्दगी से
जीना सीख लो

💟💟💟💟💟💟💟💟
सारा जहाॅ उसीका है
             जो मुस्कुराना जानता है
         रोशनी भी उसीकी है जो शमा
                 जलाना जानता है
      हर जगह मंदिर मस्झीद देरासर है
      लेकीन इश्वर तो उसीका है जो
              "सर"
          झुकाना जानता है
💜💕
अजीब तरह के लोग हैं,
इस दुनिया मे,
अगरबती भगवान के लिए खरीदते हैं,

और खुशबू खुद की पसंद की तय करते हे...🍂.......%%


%बांसुरी भगवान श्री कृष्‍ण को अति प्रिय है, क्योंकि बांसुरी में तीन गुण है।

पहला बांसुरी मं गांठ नहीं है। जो संकेत देता है कि अपने अंदर किसी भी प्रकार की गांठ मत रखों। मन में बदले की भावना मत रखो।

दूसरा बिना बजाये ये बजती नहीं है। मानो बता रही है कि जब तक ना कहा जाए तब तक मत बोलो।

और तीसरा जब भी बजती है मधुर ही बजती है। जिसका अर्थ हुआ जब भी बोलो, मीठा ही बोलो।

जब ऐसे गुण किसी में भगवान देखते हैं, तो उसे उठाकर अपने होंठों से लगा लेते हैं।
🌺🍁🌺🍁💐🍁🌹🌹


...🌺💐🌺💐🌺💐🌺
.एक बार एक व्यक्ति ने..
एक..नया मकान...खरीदा..
उसमे.फलों का बगीचा भी था..
...

...मगर पडौस के मकान पुराने थे..और उनमे कई लोग रहते थे.
...💐
..कुछ दिन बाद उसने देखा कि पडौस के मकान से किसी ने बाल्टी भर कूडा उसके घर ...दरवाजे पर डाल दिया है..
.....🌺
..शाम को उस व्यक्ति ने एक बाल्टी ली उसमे ताजे फल रखे ..
और उस घर के दरवाजे पर घंटी बजायी....
..उस घर के लोग बेचैन हो गये.
और वो सोचने लगे कि वह उनसे सुबह की घटना के लिये लडने आया है..
..अत वे पहले ही तैयार हो गये और बुरा भला बोलने लगे..
.मगर जैसे ही उन्होने दरवाजा खोला....
.....वे हैरान हो गये...रसीले ताजे फलों की भरी बाल्टी के साथ...
...मुस्कान चेहरे पर लिये नया पडोसी सामने खडा था...
.........सब हैरान थे....
....उसने कहा....जो मेरे पास था वही मैं आपके लिये ला सका...
💐💐💐💐💐💐💐💐
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
.....💐
.....
......🌺.....सच है जिसके पास जो है वही वह दूसरे को .....दे सकता है...
..जरा सोचिये..
.कि मेरे पास दूसरो
के लिये क्या है..🍁🍁🍁
.....🍁
...........दाग तेरे दामन के धुले ना धुले

नेकी तेरी कही तुला पर तुले ना तुले.....🍁
मांग ले अपनी गलतियो की माफी खुद से.
क्या पता आँख कल ये खुले ना खुले.......💐

प्यार बांटो प्यार मिलेगा,
खुशी बांटो खुशी मिलेगी... 👏👏👏👏


[: 💕💫
 :
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
कुए में उतरने वाली बाल्टी
यदि झुकती है, तो भर कर
बाहर आती है.....

जीवन का भी यही गणित है,
जो झुकता है वही कुछ प्राप्त
करता है...
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
जीवन में किसी का भला
करोगे, तो लाभ होगा...
क्योंकि "भला" का उल्टा
"लाभ" होता है ।
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
और
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
जीवन में किसी पर दया
करोगे, तो वो याद करेगा...
क्योंकि "दया" का उल्टा
"याद" होता है।
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहचान करवाई और खाली जेब ने "इन्सानों" की...
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
जब लगे पैसा कमाने, तो
समझ आया, शौक तो माँ
बाप के पैसों से पूरे होते थे..

अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पूरी होती हैं ....
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
किनारे पर तैरने वाली लाश को देखकर ये समझ आया...
बोझ शरीर का नहीं उसकी
साँसों का था..
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
सिर झुकाने से नमाज़ें अदा
नहीं होती...!!
दिल झुकाना पड़ता है इबादत
के लिए...!!!
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
पहले मैं होशियार था, इसलिए
दुनिया बदलने चला था,
आज मैं समझदार हूँ, इसलिए
खुद को बदल रहा हूँ....
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
 बैठ जाता हूँ मैं मिट्टी पे
अक्सर...
क्योंकि मुझे अपनी औकात
अच्छी लगती है.
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
मैंने समंदर से सीखा है जीने
का सलीक़ा,
चुपचाप से बहना और अपनी
मौज में रहना.
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
 〰➰💖➰〰➰💖➰〰
               प्रेम चाहिये तो
       समर्पण खर्च करना होगा।
            विश्वास चाहिये तो
        निष्ठा खर्च करनी होगी।
              साथ चाहिये तो
        समय खर्च करना होगा।
            किसने कहा रिश्ते
               मुफ्त मिलते हैं ।
    मुफ्त तो हवा भी नहीं मिलती
       एक साँस भी तब आती है
    जब एक साँस छोड़ी जाती है
〰➰💖➰〰➰💖➰〰
[%%%%%%%%%

 <> ऐ "सुख" तू कहाँ मिलता है
क्या. तेरा कोई. स्थायी. पता. है

क्यों बन बैठा है. अन्जाना
आखिर. क्या है तेरा ठिकाना।

कहाँ कहाँ. ढूंढा. तुझको
पर. तू न. कहीं मिला मुझको

ढूंढा. ऊँचे मकानों. में
बड़ी बड़ी दुकानों. में

स्वादिस्ट पकवानों. में
चोटी. के. धनवानों. में

वो भी तुझको. ढूंढ. रहे थे
बल्कि मुझको. ही पूछ. रहे. थे

क्या आपको कुछ पता है
ये सुख आखिर कहाँ रहता है?

मेरे. पास. तो. "दुःख" का पता था
जो सुबह शाम. अक्सर. मिलता था

परेशान होके रपट लिखवाई
पर ये कोशिश भी काम न आई

उम्र अब ढलान. पे. है
हौसले थकान. पे. है

हाँ उसकी. तस्वीर है मेरे. पास
अब. भी. बची हुई. है आस

मैं. भी. हार नही मानूंगा
सुख. के. रहस्य को. जानूंगा

बचपन. में मिला करता था
मेरे साथ रहा करता. था

पर. जबसे. मैं बड़ा हो. गया
मेरा. सुख मुझसे जुदा. हो गया।

मैं फिर भी. नही हुआ हताश
जारी रखी उसकी तलाश

एक. दिन. जब आवाज. ये आई
क्या. मुझको. ढूंढ. रहा है भाई

मैं. तेरे. अन्दर छुपा. हुआ. हूँ
तेरे. ही. घर. में. बसा. हुआ. हूँ

मेरा. नही. है कुछ. भी "मोल"
सिक्कों. में. मुझको. न. तोल

मैं. बच्चों. की. मुस्कानों. में हूँ
हारमोनियम की. तानों में. हूँ

पत्नी. के. साथ चाय. पीने. में
"परिवार" के. संग. जीने. में

माँ. बाप के. आशीर्वाद में
रसोई घर के पफवानो। में

बच्चों। की सफलता। में। हूँ
माँ। की। निश्छल। ममता में हूँ

हर। पल। तेरे। संग रहता। हूँ
और अक्सर। तुझसे कहता। हूँ

मैं तो हूँ बस। एक "अहसास"
बंद। कर दे तु। मेरी तलाश

जो मिला उसी। में। कर "संतोष"
आज को। जी। ले। कल की न सोच

कल के लिए। आज। को न खोना

मेरे लिए कभी दुखी। न। होना
मेरे। लिए कभी। दुखी न होना
[

%%%%%: मंदिर के बाहर लिखा हुआ एक खुबसुरत सच......

"अगर उपवास करके भगवान खुश होते,

तो इस दुनिया में बहुत दिनो तक खाली पेट
रहनेवाला भिखारी सबसे सुखी इन्सान होता..

उपवास अन का नही विचारों का करे....

इंसान खुद की नजर में सही होना चाहिए, दुनिया तो भगवान से भी दुखी है!

🍌🍎🍏🍊🌞🌿😄
आज का विचार:

चिड़िया जब जीवित रहती है
           तब वो चिंटी🐜 को खाती है

चिड़िया जब मर जाती है तब
           चींटिया उसको खा जाती है।

इसलिए इस बात का ध्यान रखो की समय और स्तिथि कभी भी बदल सकते है.

👍इसलिए कभी किसी का अपमान मत करो
👍कभी किसी को कम मत आंको।
👍तुम शक्तिशाली हो सकते हो पर समय तुमसे भी शक्तिशाली है।
👍एक पेड़ से लाखो माचिस की तीलिया बनाई जा सकती है
👍 पर एक माचिस की तिल्ली से लाखो पेड़ भी जल सकते है।

👍कोई चाहे कितना भी महान क्यों ना हो जाए, पर कुदरत कभी भी किसी को महान बनने का मौका नहीं देती।

👉कंठ दिया कोयल को, तो रूप छीन लिया ।
👉रूप दिया मोर को, तो ईच्छा छीन ली ।
👉दी ईच्छा इन्सान को, तो संतोष छीन लिया ।
👉दिया संतोष संत को, तो संसार छीन लिया ।
👉दिया संसार चलाने देवी-देवताओं को, तो उनसे भी मोक्ष छीन लिया ।

☝मत करना कभी भी ग़ुरूर अपने आप पर 'ऐ इंसान'
☝ भगवान ने तेरे और मेरे जैसे कितनो को मिट्टी से बना के, मिट्टी में मिला दिए ।
🔆🔆🔆🔆🔆🔆🔆🔆🔆
👉 इंसान दुनिया में तीन चीज़ो के लिए मेहनत करता है

1-मेरा नाम ऊँचा हो .
२ -मेरा लिबास अच्छा हो .
3-मेरा मकान खूबसूरत हो ..

लेकिन इंसान के मरते ही भगवान उसकी तीनों चीज़े
सबसे पहले बदल देता है

१- नाम = (स्वर्गीय )
२- लिबास = (कफन )
३-मकान = ( श्मशान )

जीवन की कड़वी सच्चाई जिसे हम समझना नहीं चाहते 👈
👌👌👌👌👌
ये चन्द पंक्तियाँ
जिसने भी लिखी है
खूब लिखी है

एक पथ्थर सिर्फ एक बार मंदिर जाता है और भगवान बन जाता है ..
इंसान हर रोज़ मंदिर जाते है फिर भी पथ्थर ही रहते है ..!!
👍 NICE LINE👌
एक औरत बेटे को जन्म देने के लिये अपनी सुन्दरता त्याग देती है.......
और
वही बेटा एक सुन्दर बीवी के लिए अपनी माँ को त्याग देता है
********[**********]*****
जीवन में हर जगह
हम "जीत" चाहते हैं...

सिर्फ फूलवाले की दूकान ऐसी है
जहाँ हम कहते हैं कि
"हार" चाहिए।

क्योंकि

हम भगवान से
"जीत" नहीं सकते।

➖♦➖♦➖♦➖♦➖♦

धीमें से पढ़े बहुत ही
अर्थपूर्ण है यह मेसेज...

हम और हमारे ईश्वर,
दोनों एक जैसे हैं।

जो रोज़ भूल जाते हैं...


वो हमारी गलतियों को,
हम उसकी मेहरबानियों को।

➖♦➖♦➖♦➖♦➖♦

🔷 एक सुविचार 🔷

वक़्त का पता नहीं चलता अपनों के साथ.....

पर अपनों का पता चलता है,
वक़्त के साथ...

वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ,

पर अपने ज़रूर बदल जाते हैं वक़्त के साथ...!!!
➖♦➖♦➖♦➖♦➖♦

💯%✔

ज़िन्दगी पल-पल ढलती है,

जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती है... Ni

शिकवे कितने भी हो हर पल,
फिर भी हँसते रहना...

क्योंकि ये ज़िन्दगी जैसी भी है,
बस एक ही बार मिलती है।
ये SMS जरुर सबको भेजना .
[%%%%%%%

 एक चिड़िया और चिड़ा की प्रेम
कहानी
------------------------------ ---------
एक दिन चिड़िया बोली - मुझे छोड़ कर कभी उड़ तो नहीं जाओगे ?

चिड़ा ने कहा - उड़
जाऊं तो तुम पकड़ लेना.

चिड़िया-मैं तुम्हें पकड़
तो सकती हूँ,
पर फिर पा तो नहीं सकती!

यह सुन चिड़े की आँखों में आंसू आ गए और उसने अपने पंख तोड़ दिए और बोला अब हम
हमेशा साथ रहेंगे,

लेकिन एक दिन जोर से तूफान आया,
चिड़िया उड़ने लगी तभी चिड़ा बोला तुम उड़
जाओ मैं नहीं उड़ सकता !!

चिड़िया- अच्छा अपना ख्याल रखना, कहकर
उड़ गई !

जब तूफान थमा और चिड़िया वापस
आई तो उसने देखा की चिड़ा मर चुका था
और एक डाली पर लिखा था.....
""काश वो एक बार तो कहती कि मैं तुम्हें
नहीं छोड़ सकती""
तो शायद मैं तूफ़ान आने से
पहले नहीं मरता ।।
""



मेरे राम सब देखते है

[ 😊😊👍👍👏👏

ईश्वर की तरफ से शिकायत:

मेरे प्रिय...
सुबह तुम जैसे ही सो कर उठे, मैं तुम्हारे बिस्तर के
पास ही खड़ा था।
मुझे लगा कि तुम मुझसे कुछ बात
करोगे।
तुम कल या पिछले हफ्ते हुई किसी बात
या घटना के लिये मुझे धन्यवाद कहोगे।
लेकिन तुम
फटाफट चाय पी कर तैयार होने चले गए और
मेरी तरफ देखा भी नहीं!!!
फिर मैंने सोचा कि तुम
नहा के मुझे याद करोगे।
पर तुम इस उधेड़बुन में लग
गये कि तुम्हे आज कौन से कपड़े पहनने है!!!
फिर जब
तुम जल्दी से नाश्ता कर रहे थे और अपने ऑफिस के
कागज़ इक्कठे करने के लिये घर में इधर से उधर
दौड़ रहे थे...तो भी मुझे लगा कि शायद अब तुम्हे
मेरा ध्यान आयेगा,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
फिर जब तुमने आफिस जाने के लिए ट्रेन
पकड़ी तो मैं समझा कि इस खाली समय का उपयोग
तुम मुझसे बातचीत करने में करोगे पर तुमने थोड़ी देर
पेपर पढ़ा और फिर खेलने लग गए अपने मोबाइल में
और मैं खड़ा का खड़ा ही रह गया।
मैं तुम्हें बताना चाहता था कि दिन का कुछ
हिस्सा मेरे साथ बिता कर तो देखो,तुम्हारे काम और
भी अच्छी तरह से होने लगेंगे, लेकिन तुमनें मुझसे बात
ही नहीं की...
एक मौका ऐसा भी आया जब तुम
बिलकुल खाली थे और कुर्सी पर पूरे 15 मिनट यूं
ही बैठे रहे,लेकिन तब भी तुम्हें मेरा ध्यान
नहीं आया। दोपहर के खाने के वक्त जब तुम इधर-
उधर देख रहे थे,तो भी मुझे लगा कि खाना खाने से
पहले तुम एक पल के लिये मेरे बारे में सोचोंगे,लेकिन
ऐसा नहीं हुआ।
दिन का अब भी काफी समय बचा था।
मुझे
लगा कि शायद इस बचे समय में हमारी बात
हो जायेगी,लेकिन घर पहुँचने के बाद तुम
रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त हो गये।
जब वे काम निबट गये तो तुमनें टीवी खोल
लिया और घंटो टीवी देखते रहे। देर रात थककर
तुम बिस्तर पर आ लेटे।
तुमनें अपनी पत्नी,
बच्चों को शुभरात्रि कहा और चुपचाप चादर ओढ़कर
सो गये।
मेरा बड़ा मन था कि मैं
भी तुम्हारी दिनचर्या का हिस्सा बनूं...
तुम्हारे
साथ कुछ वक्त बिताऊँ...
तुम्हारी कुछ सुनूं...
तुम्हे कुछ
सुनाऊँ।
कुछ मार्गदर्शन करूँ तुम्हारा ताकि तुम्हें
समझ आए कि तुम किसलिए इस धरती पर आए हो और
किन कामों में उलझ गए हो, लेकिन तुम्हें समय
ही नहीं मिला और मैं मन मार कर ही रह गया।
मैं तुमसे बहुत प्रेम करता हूँ।
हर रोज़ मैं इस बात
का इंतज़ार करता हूँ कि तुम मेरा ध्यान करोगे और
अपनी छोटी छोटी खुशियों के लिए मेरा धन्यवाद
करोगे। पर तुम तब ही आते हो जब तुम्हें कुछ चाहिए
होता है। तुम जल्दी में आते हो और अपनी माँगें मेरे
आगे रख के चले जाते हो।और मजे की बात तो ये है
कि इस प्रक्रिया में तुम मेरी तरफ देखते
भी नहीं। ध्यान तुम्हारा उस समय भी लोगों की तरफ
ही लगा रहता है,और मैं इंतज़ार करता ही रह
जाता हूँ।
खैर कोई बात नहीं...हो सकता है कल तुम्हें
मेरी याद आ जाये!!!
ऐसा मुझे विश्वास है और मुझे तुम
में आस्था है।
आखिरकार मेरा दूसरा नाम...
आस्था और विश्वास ही तो है।
.
.
.
तुम्हारा
ईश्वर...👣
💐🌾💐🌾💐🌾💐🌾 ✔जब भी बड़ो के साथ बैठो तो परमात्मा का धन्यवाद , क्योंकि कुछ लोग इन लम्हों को तरसते हैं ।

✔जब भी अपने काम पर जाओ तो परमात्मा का धन्यवाद , क्योंकि बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।

✔परमात्मा का धन्यवाद कहो जब तुम तन्दुरुस्त हो , क्योंकि बीमार किसी भी कीमत पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश रखते हैं ।

✔ परमात्मा का धन्यवाद कहो की तुम जिन्दा हो , क्योंकि मरे हुए लोगों से पूछो जिंदगी कीमत ।

दोस्तों की ख़ुशी के लिए तो कई मैसेज भेजते हैं । देखते हैं परमात्मा के धन्यवाद का ये मैसेज कितने लोग शेयर करते हैं ।
किसी पर कोई दबाव नही है ।

🙏🙏🙏🙏
//////‬: अगर मै हाथ फैलाऊ
तो तेरी खुदाई दुर नही,
 मै मांगु आेर तु मुझे दे
ये मुझे मंजुर नही,,,,,,,
[////////////‬: माँ की दुआओं मे जन्नत है माँ के आँचल मे स्वर्ग है जिसकी ऊँगली पकड़ तू चला तू आज इतना सक्षम हो गया कि तुझे आज वो बोझ लगी"
जिन मूर्तियों को इंसान बनाते हैं, हम उनकी तो पूजा करते हैं पर जिन्होंने हमें बनाया है हम उन माता-पिता की पूजा क्यूँ नही करते : हम उन्हे रूलाते हैं, जो हमारी परवाह करते हैं...(माता पिता)

हम उनके लिए रोते हैं, जो हमारी परवाह नहीं करते...(औलाद )

और, हम उनकी परवाह करते हैं, जो हमारे लिए कभी नहीं रोयेगें !...(समाज)

############

निर्धन गिरे पहाड़ से कोई ना पूछे हाल..
करोड़पति को कांटा लगे तो पूछे लोग हज़ार !!
[////////: एक दिन एक औरत अपने घर के बाहर आई
और उसने तीन
संतों को अपने घर के सामने देखा।

वह उन्हें जानती नहीं थी।

औरत ने कहा – “कृपया भीतर आइये और भोजन करिए।”

संत बोले – “क्या तुम्हारे पति घर पर हैं?”

औरत ने कहा – “नहीं, वे अभी बाहर गए हैं।”
संत बोले – “हम तभी भीतर आयेंगे जब वह घर पर हों।”

शाम को उस औरत का पति घर आया और औरत ने उसे यह सब
बताया।

औरत के पति ने कहा – “जाओ और उनसे कहो कि मैं घर आ गया हूँ
और उनको आदर सहित बुलाओ।”

औरत बाहर गई और उनको भीतर आने के लिए कहा।
संत बोले – “हम सब किसी भी घर में एक साथ नहीं जाते।”

“पर क्यों?” – औरत ने पूछा।
उनमें से एक संत ने कहा –  
“मेरा नाम धन है” –

 फ़िर दूसरे
संतों की ओर इशारा कर के कहा – “इन दोनों के नाम सफलता और
प्रेम हैं।

हममें से कोई एक ही भीतर आ सकता है।
आप घर के अन्य
सदस्यों से मिलकर तय कर लें कि भीतर किसे निमंत्रित करना है।”

औरत ने भीतर जाकर अपने पति को यह सब बताया।

 उसका पति बहुत
प्रसन्न हो गया और बोला –
“यदि ऐसा है तो हमें धन को आमंत्रित करना चाहिए।
 हमारा घर खुशियों से भर
जाएगा।”
लेकिन उसकी पत्नी ने कहा – “मुझे लगता है कि हमें सफलता को
आमंत्रित करना चाहिए।”

उनकी बेटी दूसरे कमरे से यह सब सुन रही थी। वह उनके पास आई
और बोली – “मुझे लगता है कि हमें प्रेम को आमंत्रित करना चाहिए।

प्रेम से बढ़कर कुछ भी नहीं हैं।”
“तुम ठीक कहती हो, हमें प्रेम
को ही बुलाना चाहिए” – उसके माता-पिता ने कहा।
औरत घर के बाहर गई और उसने संतों से पूछा – “आप में से जिनका
नाम प्रेम है वे कृपया घर में प्रवेश कर भोजन गृहण करें।”

प्रेम घर की ओर बढ़ चले।
बाकी के दो संत भी उनके पीछे चलने लगे।
औरत ने आश्चर्य से उन दोनों से पूछा –
“मैंने तो सिर्फ प्रेम को आमंत्रित किया था।
आप लोग भीतर क्यों जा रहे हैं?”
उनमें से एक ने कहा – “यदि आपने धन और सफलता में से किसी
एक को आमंत्रित किया होता तो केवल वही भीतर जाता।

आपने प्रेम को आमंत्रित किया है। प्रेम कभी अकेला नहीं जाता।
 प्रेम जहाँ-जहाँ जाता है, धन और सफलता उसके पीछे जाते हैं।

 प्रेम बाटें, प्रेम दें और प्रेम लें क्योंकि
प्रेम ही सफल जीवन का राज है
[/////// कागज की बनाई चिडीया
पंछी नही होती,,,
दिखावा खुबसूरत हो
तो नियत अच्छी नही होती,,,
ना कर जिक् तु सरे महेफिल
अपनी खुशियों को,,,,
कुछ ऐसे भी है जिनकी
दुआ अच्छी नही होती,,,,,,
💐🌺💐🌺💐🌺

कुछ काम की बाते

आओ आयुर्वेद सीखें।शुद्ध शहद की पहचान और कुछ जरुरी #प्रयोग ......! शुद्ध शहद की पहचान.......! * शुद्ध शहदमें खुशबू रहती है। वह सर्दी में जम जाता है तथा गरमी में पिघल जाता है। * शुद्ध शहद को कुत्ता नहीं खाता। * कागज पर शहद डालने से नीचे निशान नहींआता है। * शहद की कुछ बूंदे पानी में डालें। यदि यह बूंदेपानी में बनी रहती है तो शहद असली है और शहद की बूंदे पानी में मिल जाती है तो शहद में मिलावट है। रूई की बत्ती बनाकर शहद में भिगोकर जलाएं यदि बत्ती जलती रहे तो शहद शुद्ध है। * एक ज़िंदा मक्खी पकड़कर #शहद में डालें। उसकेऊपर शहद डालकर मक्खी को दबा दें। शहद असली होने पर मक्खी शहद में से अपने आप ही निकल आयेगी और उड़ जायेगी। मक्खी के पंखों पर शहद नहीं चिपकता।*कपड़े पर शहद डालें और फिर पौंछे असली शहद कपडे़ पर नहींलगता है। * आइये और जाने घर में शुद्ध शहद रखना क्यों जरुरी है ...? * रोगों में शहद का प्रयोग ..... * कुछ बच्चे रातमें सोते समय बिस्तर में ही मूत्र (पेशाब) कर देते हैं। यहएक बीमारी होती है। सोने से पहले रात में शहद का सेवन कराते रहने से बच्चों का निद्रावस्था में मूत्र (पेशाब) निकल जाने का रोग दूर हो जाता है। * एक चम्मच शुद्ध शहद शीतल पानी में मिलाकर पीने से पेट के दर्द को आराम मिलता है। * एक चुटकी सौंठ को थोड़े से शहद में मिलाकर चाटने से काफी लाभ होता है। दो तुलसी की पत्तियां पीस लें। फिर इस चटनी को आधे चम्मच शहद के साथ सेवन करें।* रात्री को सोते समय एक गिलासगुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पी लें। इसके इस्तेमाल से सुबह पेट साफ हो जाता है। * एक गिलास पानी में एक चम्मच नींबू का रस तथा आधा चम्मच शहद मिलाकर लेना चाहिए। इससे अजीर्ण का रोग नष्ट हो जाता है। * शहद में दोकाली मिर्च का चूर्ण मिलाकर चाटना चाहिए। * अजवायन थोड़ा सा तथा सौंठ दोनों को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को शहद के साथ चाटें। * शहद को जरा सा गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। * शहद में सौंफ, धनिया तथा जीरा का चूर्ण बनाकर मिला लें और दिन में कई बार चाटें। इससे दस्त में लाभमिलता है। * अनार दाना चूर्ण शहद के साथ चाटने से #दस्त बंद हो जाते हैं। * अजवायन का चूर्ण एक चुटकी को एक चम्मच शहद के साथ लेना चाहिए। दिन में तीन बार यह चूर्ण लेने से#पेट के कीड़े मर जाते हैं। * सौंठ, कालीमिर्च, पीपल, सेंधानमक इन सब चीजों को मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में से आधी चुटकी लेकर एक चम्मच शहद के साथ सुबह, दोपहर और शाम को इसका इस्तेमाल करें। एक दो कालीमिर्च तथा दो लौंग को पीसकर शहद के साथ चाटना चाहिए। * धनिया तथा जीरा लेकरचूर्ण बना लें और शहद मिलाकर धीरे-धीरे चाटना चाहिए। इससे#अम्लपित्त नष्ट होता है। * सौंफ, धनियां तथा अजवायन इन तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। फिर इस चूर्ण में से आधा चम्मच चूर्ण को शहद के साथ सुबह, दोपहर और शामको इसका सेवन करना चाहिए। इससे #कब्ज दूर होती है। * रात्रि को सोते समय एक चम्मच त्रिफला-चूर्ण या एरण्ड का तेल एक गिलास दूध के साथ लेना चाहिए। इससे #कब्ज दूर हो जाती है। * त्रिफला का चूर्ण शहद के साथ सेवन करें। इससे#पीलिया का रोग नष्ट हो जाता है। गिलोय का रस 12 ग्राम शहद के साथ दिन में दो बार लें। नीम के पत्तों का रस आधा चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए। * सिर पर शुद्ध शहद का लेप करना चाहिए।कुछ ही समय में #सिर का दर्द खत्म हो जायेगा। आधा चम्मच शहद और एक चम्मच देशी घी मिलाकर सिर पर लगाना चाहिए। घी तथा शहद के सूखने के बाद दोबारा लेप करना चाहिए। यदि पित्त के कारण सिर में दर्द हो तो दोनों कनपटियों पर शहद लगायें। साथ ही थोड़ा शहद भी चाटना चाहिए। * सर्दी, गर्मी या #पाचन क्रिया की खराबी के कारण सिर में दर्द हो तो नींबू के रस में शहद को मिलाकर माथे पर लेप करना चाहिए। * कागज के टुकड़ों पर शहद और चूना को मिलाकर माथे के जिस भाग में दर्द हो उस भागपर रख देने से #सिर का दर्द दूर हो जाता है। * भोजन के साथशहद लेने से #सिर का दर्द दूरहो जाता है। * रतौंधी ...शहद कोसलाई या अंगुली की सहायता से काजल की तरह आंखों में सुबह के समय तथा रात को सोते समय लगाना चाहिए। काजल में शहद मिलाकर बराबर लगाते रहने से भी #रतौंधी की बीमारी समाप्तहो जाती है। शहद को आंखों में काजल की तरह लगाने से रतौंधी रोग दूर होता है। आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। * आंख में जलन के लिए शहद के साथ निबौंली (नीम का फल) का गूदा मिलाकर आंखों में काजल की तरहलगना चाहिए। शुद्ध शहद को सलाई या अंगुली की सहायता से काजल की तरह #आंख में लगायें। * आंखों के रोग के लिए एक ग्राम गुरुच का रस तथा आधा चम्मच शहद को मिला लें। फिर इसे आंखों में नियम से रोज सलाई से लगायें। #आंखों की खुजली, दर्द, मोतियाबिंद तथा अन्य सभी रोगों के लिए यह उपयोगी अंजन (काजल) है। * चार ग्राम गिलोय का रस लेकर उसमेंदो ग्राम शहद मिलाकर लोशन बनालें। इसे आंखों में लगायें। आंखों के सभी रोगों में इससे लाभ होगा। रोज सुबह ताजे पानीसे आंखों को छप्पा (पानी की छींटे) मारकर धोना चाहिए। इसके बाद दो बूंदे नीम का रस तथा चार बूंदे शहद मिलाकर आंखों में लगाना चाहिए। कड़वे तेल से बना हुआ काजल शुद्ध शहद के साथ मिलाकर आंखों में लगाना चाहिए। * मुंह के छाले के लिए तवे पर सुहागे को फुलाकर शहद के साथ छालों पर लगाना चाहिए। इससे#मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। * छोटी इलायची को पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। फिर शहदमें मिलाकर छालों पर लगायें। फिटकरी को पानी में घोल लें और एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर कुल्ला करें। यह कुल्ला भोजन करने से पहले सुबह, दोपहर तथा शाम को करना चाहिए। पेट में गर्मी ज्यादा हो तो त्रिफला का चूर्ण शहद के साथ लेना चाहिए। केवल आंवले का चूर्ण शहद के साथ लेने से भी #पेट की गर्मी शांत होती है और मुंह के छाले ठीक होने लगते हैं। * आवाज का बैठ जाना ...फूली हुई फिटकरी पीसकर शहद के साथ मिलाकर सेवनकरें। इसमें पानी मिलाकर कुल्ला किया जा सकता है। मुलहठी का चूर्ण शहद के साथ चाटना चाहिए। कुलंजन मुंह में रखकर चूसने से भी #आवाज खुल जाती है। * 3 से 9 ग्राम बहेड़ा के चूर्ण को शहद के साथ सुबह और शाम सेवन करने से#स्वरभंग (गला बैठना) और गले के दूसरे रोग भी ठीक हो जाते हैं। * 1 कप गर्म पानी में 1 चम्मच शहद डालकर गरारे करने से #आवाज खुल जाती है। * थूक के साथ बलगम के लिए छाती पर शहद की मालिश करके गुनगुने पानी से धो लें। इससे थूक के साथ #बलगम का आना बंद हो जाताहै। रात्रि को सोने से पहले अजवायन का तेल छाती पर मलें। पिसी हुई हल्दी, अजवायन और सौंठ को मिलाकर एक चुटकी लेकरशहद में मिलाकर सेवन करें। * पायरिया के लिए मसूढ़ों तथा दांतों पर शुद्ध शहद की मालिशकरके गुनगुने पानी से कुल्ला करना चाहिए। नींबू का रस, नीम का तेल तथा शहद मिलाकर मसूढ़ों की मालिश करके कुल्ला कर लें। लहसुन, करेला, अदरक का रस निकालकर शहद में मिलाकर मसूढ़ों पर रोज लगाना चाहिए। तीन-चार दिन तक लगातार मालिश करने से#पायरिया तथा मसूढ़ों के अन्य रोग खत्म हो जाते हैं। * खांसी की बीमारी के लिए लाल इलायची लेकर इसे भून लें और चूर्ण बना लें, इसमें शहद मिलाकर सेवन करें। मुनक्का, खजूर, कालीमिर्च, बहेड़ा तथा पिप्पली-सभी को समान मात्रा में लेकर कूट लें और उसमें से दो चुटकी चूर्ण लेकर शहद में मिलाकर सेवन करें। 3 ग्राम सितोपलादि के चूर्ण को शहद में मिलाकर दिन में तीन बार चाटकर खाने से #खांसी दूर हो जाती है। * 5 ग्राम शहद में लहसुन के रस की 2-3 बूंदे मिलाकर बच्चे को चटाने से#खांसी दूर हो जाती है। * एक नींबू पानी में उबालें फिर निकालकर कांच के गिलास में निचोड़ लें। इसमें 28 मिलीलीटर ग्लिसरीन और 84 मिलीलीटर शहद मिलाकर हिलाएं।एक-एक चम्मच चार बार पीने से खांसी बंद हो जाती है। शहद#खांसी में आराम देता है। 12 ग्राम शहद को दिन में तीन बार चाटने से कफ निकल जाता है और खांसी ठीक हो जाती है। थोड़ी सी फिटकरी को तवे पर भून लेते हैं। इस 1 चुटकी फिटकरी को शहद के साथ दिन में 3 बार चाटने से खांसी में लाभ मिलताहै। * काली खांसी के लिए सबसे पहले रोगी की कब्ज को दूर करना चाहिए। इसके लिए एरण्ड का तेल पिलाया जा सकता है। इसके बाद चिकित्सा आरम्भ शुरू करनी चाहिए। चिकित्सा के लिए शहद में लौंग के तेल कीएक बूंद तथा अदरक के रस की दस बूंदे मिलाकर सुबह, दोपहर और शाम को देनी चाहिए। * दमा के लिए शहद में कुठार रस 4 बूंद मिलाकर दिन में 3-4 बार देना चाहिए। इससे #दमा का रोग नष्ट हो जाता है। * सोमलता, कूट, बहेड़ा, मुलेठी, अडूसा केपत्ते, अर्जुन की छाल तथा काकड़ासिंगी सबका एक समान मात्रा में लेकर पीस लें। इसमें से एक चम्मच चूर्ण शहद के साथ सेवन करें। प्यास लगनेपर गर्म पानी पीयें। * पसलियों में दर्द के लिए सांभर सींग को पानी में घिसकरशहद के साथ मिलाकर #पसलियों पर लेप करना चाहिए। * एक कप दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह के समय पीने से #ताकत बढ़ती है। * जुकाम के लिए शहद और अदरक का रस एक-एक चम्मच मिलाकर सुबह-शाम दिन में दो बार पीने से #जुकाम खत्म हो जाता है और भूख बढ़ जाती है। *2 चम्मच शहद, 200 मिलीलीटर गुनगुना दूध और आधे चम्मच मीठे सोडे को एक साथ मिलाकर सुबह और शाम पीने से जुकाम,#फ्लू ठीक हो जाता है। इसको पीने से बहुत पसीना आता है पर पसीना आने पर रोगी को हवा नहीं लगने देना चाहिए। * 20 ग्राम शहद, आधा ग्राम सेंधानमक और आधा ग्राम हल्दी को 80 मिलीलीटर पानी में डालकर उबाल कर रख लें। कुछ देर बाद जब पानी हल्का सा गर्म रह जाये तो इस पानी को सोते समय पीने से #जुकाम दूर हो जाता है। * बिच्छू के डंक मारे हुए स्थान पर शहद लगाने से #दर्द कम हो जाता है। * जलन के लिए नियमित सुबह 20 ग्राम शहद ठंडे पानी में मिलाकर सेवन करने से जलन, खुजली और फुन्सियों जैसी चर्म रोग जड़मूल से समाप्त होजाती है। * शरीर के जले हुए अंगो पर शहद लगाने से जलन दूर होती है। #जख्म होने पर शहद को तब तक लगाते रहे जब तक कि जख्म ठीक ना हो जायें। जख्म ठीक होने के बाद सफेद निशान बन जाते हैं। उन पर शहद लगाकर पट्टी बांधते रहने से निशान मिट जाते हैं। * शीघ्रपतन के लिए स्त्री-संग सम्भोग से एक घण्टा पहले पुरुष की नाभि मेंशहद में भिगोया हुआ रूई का फोहा रखने से पुरुष का जल्दी#स्खलन नही होता अर्थात पुरुषका #लिंग शिथिल नहीं होता है। * बलगम युक्त खांसी के लिए 5 ग्राम शहद दिन में चार बार चाटने से बलगम निकल कर#खांसी दूर होती है। शहद और अडूसा के पत्तों का रस एक-एक चम्मच तथा अदरक का रस आधा चम्मच मिलाकर पीने से खांसी नष्ट हो जाती है। * उल्टी के लिए गुड़ को शहद में मिलाकर सेवन करने से उल्टी बंद हो जाती है। #उल्टी होने पर शहद को चाटने से उल्टी होना बंद हो जाती है। शहद में लौंग का चूर्ण मिलाकर चाटने से गर्भावस्था में उल्टी आने से छुटकारा मिलता है। * रक्तविकार के लिए बकरी के दूधमें आठवां हिस्सा शहद मिलाकर पीने से #खून साफ हो जाता है।इसका प्रयोग करते समय नमक और मिर्च का त्याग कर देना आवश्यक है। * यक्ष्मा या#टी.बी. के लिए ताजा मक्खन के साथ शहद का सेवन करने से क्षय रोग में लाभ होता है। शहद में करेले का चूर्ण डालकर चाटना चाहिए। * हाईब्लडप्रेशर के लिए दो चम्मच शहद और नींबू का रस एक चम्मच मिलाकर सुबह-शाम दिन में दो से तीन बार सेवन करने से #हाई बल्डप्रेशर मेंलाभ होता है। * कान दर्द के लिए कान में शहद डालने से कान की पीव और कान का दर्द नष्ट होजाता है। कान में कनखजूरा सदृश जीव-जंतु घुस गया हो तो शहद और तेल मिलाकर उसकी कुछ बूंदे #कान में डालने से लाभ होता है। * आंख आना के लिए 1 ग्राम पिसे हुए नमक को शहद में मिलाकर आंखों में सुबह औरशाम लगाऐं। सोनामक्खी को पीसकर और शहद में मिलाकर#आंखों में सुबह और सांय लगाए। चन्द्रोदय वर्ति (बत्ती) को पीसकर शहद के साथ आंखों में लगाने से आंखों के रोग दूर होते हैं। * मलेरिया का बुखार के लिए शुद्ध शहद 20 ग्राम, सैंधानमक आधा ग्राम, हल्दी आधा ग्राम को पीसकर 80 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी में डालकर रात को पीने से #मलेरिया का बुखार और जुकाम ठीक हो जाता है