🔪🔪🔪 मरना नहीं मारना सीखो, घर में दो से चार करो।
जिस मिट्टी में पले बढ़े उस भारत मां से प्यार करो।
अब यह खेल बना निर्णायक जो अब तक भी खेला था।
झांसी रानी थी खेली हल्दी घाटी भी खेला था।
सिंहों के शिकार को गर जबड़ों से कौवे खीचेंगे।
अम्बर. से बलिदानी जत्थे अपने ऊपर. खीझेंगे।
हमको नहीं चाहिये कुछ भी बिजली पानी सड़क यहाँ ।
हमें चाहिये ऎसा भारत. केवल हिन्दू रहें जहां।
पाक सा टुकड़ा नहीं सम्हलता, लाल किले बनबायेंगे।
जिन्हें जन्नत में भी हूर चाहिये ताजमहल बनबायेंगे।
अब तो देखो चाट रहा है मुफ्ती अपने थूके को।
गैरों के झन्ड़े लहर रहे देखो तो उनके बूते को।
शर्म करो राणा सांगा का लहू उबालें खाता है।
असलम और. गिलानी हद से बाहर होता जाता है।
अगर. 3 7 0. अपने संविधान. में अड़चन. है।
और हुर्रियत पाकिस्तानी मन्सूबों की धड़कन है।
अगर मसर्रत हिम्मत है दुश्मन झंड़ा लहराने की।
आतंकी की मौतों पर तख्ती शहीद लगवाने की।
घाटी में एलान कर दो मौत का सौदा कर डालो।
जिस बस्ती में पाक का झन्डा,वो बस्ती जलवा ड़ालो।
🔫: "भगवा" एक पवित्र रंग है, जिसको सदियों सेहमारे साधू-संत पूजते आ रहे है. सूर्य में जो आग है वो रंगभी भगवा है."केसरिया" या "भगवा" रंग शौर्य औरवीरता का प्रतिक है. इस रंगको पहनकर न जाने कितने वीरों ने अपना बलिदानदिया. साधू-संतों का समागम हो या, हिन्दूमंदिरों कि ध्वजा हो या फिर सजावटसभी में शान का रंग भगवा है. भगवा रंग में हिन्दू धर्मकि आस्था, दर्शनऔर जीवनशैली छुपी हुई है.भगवा या केसरिया सूर्योदय और सुर्यास्तका रंग है, मतलब हिंदू की चिरंतन, सनातनी, पुर्नजन्मकी धारणाओंको बताने वाला रंग है यह। आग औरचित्ता या कि अंतिम सत्यका भी यह रंग है। इसी रंग के वस्त्र धारण कर हिंदू,बौद्र साधू संतविदेश गए। दुनिया को शांति का धर्म संदेश दिया।दुनिया की दूसरी सभ्यताओं, संस्कृतियों के अपने रंग हैजबकि भगवा की पहचान इसलिए है क्योंकि वहसिर्फ हिंदुस्तान मेंहिंदू-बौद्व-सिक्खों का प्रतिनिधि रंग रहा है।हिंदूओं के लिए यहशौर्य और त्याग का भी रंग है। महाराणा प्रताप औरशिवाजी केझंडे भगवा ही तो थे।
🔫: इस धरती से उस अम्बर तक भारत
की जयकार
करो....!
उठो हिन्द के सिंह शावकों गांडीव
की टंकार करो.....!!
जो भारत माँ को गाली दे उन दुष्टों का संहार करो....!
स्वाभिमान से जीना है तो हिन्दुत्व
को स्वीकार
करो.....!!
-------- वंदेमातरम --------
🇮🇳💪🚩
जिस मिट्टी में पले बढ़े उस भारत मां से प्यार करो।
अब यह खेल बना निर्णायक जो अब तक भी खेला था।
झांसी रानी थी खेली हल्दी घाटी भी खेला था।
सिंहों के शिकार को गर जबड़ों से कौवे खीचेंगे।
अम्बर. से बलिदानी जत्थे अपने ऊपर. खीझेंगे।
हमको नहीं चाहिये कुछ भी बिजली पानी सड़क यहाँ ।
हमें चाहिये ऎसा भारत. केवल हिन्दू रहें जहां।
पाक सा टुकड़ा नहीं सम्हलता, लाल किले बनबायेंगे।
जिन्हें जन्नत में भी हूर चाहिये ताजमहल बनबायेंगे।
अब तो देखो चाट रहा है मुफ्ती अपने थूके को।
गैरों के झन्ड़े लहर रहे देखो तो उनके बूते को।
शर्म करो राणा सांगा का लहू उबालें खाता है।
असलम और. गिलानी हद से बाहर होता जाता है।
अगर. 3 7 0. अपने संविधान. में अड़चन. है।
और हुर्रियत पाकिस्तानी मन्सूबों की धड़कन है।
अगर मसर्रत हिम्मत है दुश्मन झंड़ा लहराने की।
आतंकी की मौतों पर तख्ती शहीद लगवाने की।
घाटी में एलान कर दो मौत का सौदा कर डालो।
जिस बस्ती में पाक का झन्डा,वो बस्ती जलवा ड़ालो।
🔫: "भगवा" एक पवित्र रंग है, जिसको सदियों सेहमारे साधू-संत पूजते आ रहे है. सूर्य में जो आग है वो रंगभी भगवा है."केसरिया" या "भगवा" रंग शौर्य औरवीरता का प्रतिक है. इस रंगको पहनकर न जाने कितने वीरों ने अपना बलिदानदिया. साधू-संतों का समागम हो या, हिन्दूमंदिरों कि ध्वजा हो या फिर सजावटसभी में शान का रंग भगवा है. भगवा रंग में हिन्दू धर्मकि आस्था, दर्शनऔर जीवनशैली छुपी हुई है.भगवा या केसरिया सूर्योदय और सुर्यास्तका रंग है, मतलब हिंदू की चिरंतन, सनातनी, पुर्नजन्मकी धारणाओंको बताने वाला रंग है यह। आग औरचित्ता या कि अंतिम सत्यका भी यह रंग है। इसी रंग के वस्त्र धारण कर हिंदू,बौद्र साधू संतविदेश गए। दुनिया को शांति का धर्म संदेश दिया।दुनिया की दूसरी सभ्यताओं, संस्कृतियों के अपने रंग हैजबकि भगवा की पहचान इसलिए है क्योंकि वहसिर्फ हिंदुस्तान मेंहिंदू-बौद्व-सिक्खों का प्रतिनिधि रंग रहा है।हिंदूओं के लिए यहशौर्य और त्याग का भी रंग है। महाराणा प्रताप औरशिवाजी केझंडे भगवा ही तो थे।
🔫: इस धरती से उस अम्बर तक भारत
की जयकार
करो....!
उठो हिन्द के सिंह शावकों गांडीव
की टंकार करो.....!!
जो भारत माँ को गाली दे उन दुष्टों का संहार करो....!
स्वाभिमान से जीना है तो हिन्दुत्व
को स्वीकार
करो.....!!
-------- वंदेमातरम --------
🇮🇳💪🚩
No comments:
Post a Comment